Move to Jagran APP

UP: कानपुर में बीच सड़क पर हैं 165 मंदिर, मस्जिद और मजार, हाई कोर्ट के आदेश पर शासन ने मांगी थी रिपोर्ट

यूपी के कानपुर में बीच सड़क पर बने मंदिर मस्जिद और मजार व‍िकास की राह में रोड़ा बने हैं। हाई कोर्ट के आदेश पर शासन ने ज‍िला प्रशासन से इसकी र‍िपोर्ट मांगी थी। शहर में 79 और तहसीलों में 86 धार्मिक स्थल सर्वे के दौरान चिह्नित क‍िए गए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraPublished: Wed, 25 Jan 2023 02:25 PM (IST)Updated: Wed, 25 Jan 2023 02:25 PM (IST)
UP: कानपुर में बीच सड़क पर हैं 165 मंदिर, मस्जिद और मजार, हाई कोर्ट के आदेश पर शासन ने मांगी थी रिपोर्ट
Kanpur News: कानपुर में बीच सड़क पर हैं 165 मंदिर, मस्जिद और मजार

कानपुर, जागरण संवाददाता। हाईकोर्ट ने बीते दिनों विकास की राह में रोड़ा बने मंदिर, मस्जिद और मजार को लेकर सख्त टिप्पणी की थी। निर्देश दिए थे कि इनकी सूची बनाकर मार्ग से इन्हें हटाया जाए। सरकार भी विकास को लेकर गंभीर है। ऐसे में शासन ने बीच सड़क बने मंदिर, मस्जिद और मजार की जानकारी मांगी थी। नगर निगम और तहसीलों ने धार्मिक स्थलों को चिह्नित कर इसकी सूची भेज दी है। नगर और तहसील में बीच सड़क खड़े ऐसे धार्मिक स्थलों की संख्या 165 है।

loksabha election banner

नगर निगम ने शहरी क्षेत्र में ऐसे धार्मिक स्थलों की पहचान कर तैयार की सूची

विकास की राह में रोड़ा बने धार्मिक स्थलों को चिह्नित करने का काम पूरा हो चुका है। नगर निगम ने शहरी क्षेत्र में ऐसे धार्मिक स्थलों की पहचान कर सूची तैयार की है। इसमें 79 धार्मिक स्थल ऐसे चिह्नित किए गए हैं जो सड़क के किनारे, बीच में अथवा सड़क चौड़ीकरण में बाधा बने हैं। शासन को भेजी जाने वाली सूची में नगर निगम ने इन सभी धार्मिक स्थलों को लेकर अब तक की गई कवायद की जानकारी भी है जिसमें कार्ययोजना बनाकर कार्रवाई करने का जिक्र किया गया है।

धार्मिक स्थल से यातायात में आ रही हैं समस्याएं

तहसीलों में 86 धार्मिक स्थल नगर की चार तहसील कानपुर सदर, घाटमपुर, नर्वल और बिल्हौर में भी ऐसे धार्मिक स्थलों की सूची तैयार कर शासन को भेजी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक सदर तहसील में 26, घाटमपुर में 17, बिल्हौर में 30 और नर्वल में 13 धार्मिक स्थल सड़कों के बीच अथवा किनारे स्थित हैं जिनकी वजह से यातायात में समस्याएं आ रही हैं।

200 वर्ष पुराना धार्मिक स्थल

जिन धार्मिक स्थलों की सूची भेजी जा रही है उसमें शामिल धार्मिक स्थल वर्षों पुराने हैं। सचेंडी के इटारा में एक धार्मिक स्थल 200 वर्ष पुराना है। सचेंडी के पकरी में स्थित मंदिर 50 वर्ष पुराना है। बिधनू के मझावन में स्थित धार्मिक स्थल 90 साल पुराना बताया गया है। सजेती के कोटरा में स्थित मंदिर 100 वर्ष पुराना है।

हाल में भी बनाए गए धार्मिक स्थल

तहसील और नगर निगम द्वारा तैयार सूची में जहां वर्षों पुराने धार्मिक स्थल का जिक्र है वहीं अधिकतर ऐसे हैं जो हाल के वर्षों में बनाए गए हैं। ग्वालटोली के कटरी शंकरपुर सराय में स्थित धार्मिक स्थल चार वर्ष पूर्व बना है। इसी जगह पर 70 वर्गगज में बना धार्मिक स्थल महज तीन साल पुराना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.