कानपुर में अवैध ई-रिक्शे हटेंगे, जब्त होने पर किए जाएंगे नीलाम
संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के प्रवर्तन दस्ते ने अवैध ई-रिक्शा की अराजकता कम करने के लिए ई रिक्शे जब्त किए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, कानपुर : संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के प्रवर्तन दस्ते ने अवैध ई-रिक्शों की अराजकता कम करने की योजना बनाई है। भारी भरकम अर्थदंड लगाकर उन्हें सीज किया जाएगा। अगर वाहन स्वामी अर्थदंड नहीं भरता है तो ई-रिक्शे की बोली लगेगी। उसे स्क्रैप (कबाड़) में दिया जाएगा। काफी संख्या में सीज ई-रिक्शे, टेंपो, ऑटो, लोडर, दोपहिया वाहन शहर के थानों में कई वर्षो से खड़े हैं। उन्हें हटाने की तैयारी है। एसपी ट्रैफिक ने पुलिस लाइन में खड़े 95 वाहनों को हटाने की नोटिस भेजी है।
आरटीओ का प्रवर्तन दस्ता प्रमुख चौराहों और हाईवे पर अभियान चलाकर वाहनों का चालान करता है। उन्हें संबंधित थानों में सीज किया जाता है। कई वाहन दूसरे जिलों के हैं या फिर उन पर पहले से ही टैक्स की बकायेदारी रहती है। ऐसे में वाहन स्वामी वाहन को छुड़ाने के लिए नहीं आते हैं। यह सिलसिला कई साल से चला रहा है। दस्ते की कार्रवाई से थानों में वाहनों की अंबार लग गया है।
कई थानों ने जवाब दिया
कई थानेदारों ने सीज वाहन खड़ा करने को लेकर जवाब दे दिया है। उनका कहना है कि पहले पुराने वाहनों का निस्तारण किया जाए, तभी थानों में जगह बन सकती है।
अवैध ई-रिक्शे बने सिरदर्दी
थानों में सीज अधिकतर ई-रिक्शे अवैध हैं। यह वर्ष 2015 मॉडल के हैं। उस समय इनका रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं होता था, जिसकी वजह से वाहन मालिक उसे छुड़ाने नहीं आते हैं। कानपुर में 14 हजार से अधिक ई-रिक्शा संचालित हैं। केवल आठ हजार का ही रजिस्ट्रेशन है।
ई-रिक्शों की होगी नंब¨रग
एआरटीओ प्रवर्तन प्रभात कुमार पांडेय के मुताबिक अवैध ई-रिक्शों की नंब¨रग की जाएगी। उसके आधार पर ही नीलामी होगी।
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डीलर प्वाइंट पर डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम
शहर के वाहन डीलर प्वाइंट पर डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जाएगा। इसमें डीलरों के यहां ही वाहन स्वामी के दस्तावेजों की जांच की जाएगी। वहां से सत्यापित होने के बाद स्टाफ कर्मी स्कैन कॉपी को आरटीओ भेज देंगे। यह व्यवस्था दो जुलाई से आरंभ हो जाएगी। एआरटीओ प्रशासन आदित्य त्रिपाठी समेत कई कर्मचारियों का प्रशिक्षण हो गया है। अब वह डीलरों के स्टाफ को प्रशिक्षित करेंगी। अभी डीलर प्वाइंट से दस्तावेज भेजे जाते हैं। उनका सत्यापन आरटीओ में होता है। इस व्यवस्था से आरसी जारी होने में समय लगता है।