आइआइटी के और करीब होगी आकाशगंगा, यू-ट्यूब पर देखिए ग्रहों की गति Kanpur News
तारामंडल का पाठ पढ़ाने वाली संस्थान की वेधशाला (ऑब्जर्वेट्री) को आधुनिक स्वरूप देने की रूपरेखा तैयार की गई है।
By Edited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 01:44 AM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 10:58 AM (IST)
कानपुर, [विक्सन सिक्रोडिय़ा]। अभी तक समाचार पत्रों के माध्यम से ही आकाशगंगा में होने वाली अद्भुत घटनाओं के बारे में पढ़कर जानकारी मिलती है लेकिन अब उसे करीब से देखने का भी मौका मिलेगा। आइआइटी में आकाशगंगा की घटनाओं को कैद करने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। इसके साथ गतिमान ग्रहों का भी नजारा लिया जा सकेगा।
वेधशाला का मिलेगा नया रूप
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर अब आकाशगंगा का निकट से अध्ययन कर सकेगा। ग्रहों की गति के साथ तारामंडल का पाठ पढ़ाने वाली संस्थान की वेधशाला (ऑब्जर्वेट्री) को आधुनिक स्वरूप दिया जाएगा। ऑब्जर्वेट्री फॉर एमेच्योर एस्ट्रोनॉमिकल रिसर्च सेंटर में लगे टेलीस्कोप, गाइड स्कोप, चार्ज कपल्ड डिवाइस (सीसीडी) आटोमेटिक होने से कैंपस में कहीं भी बैठकर गतिमान ग्रहों की फोटो कैप्चर की जा सकेगी। अभी इन डिवाइस के संचालन के लिए सेंटर पर जाना पड़ता है। वेधशाला प्रमुख प्रो. पंकज जैन ने इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है।
छात्रों ने बनाया यू ट्यूब चैनल
आइआइटी की वेधशाला से जुड़े छात्रों ने (ड्डह्यह्लह्मश्रष्द्यह्वढ्ड द्बद्बह्लद्म) नाम से यू ट्यूब चैनल बनाया है। छात्र इसमें कार्यक्रमों की झलकियां व उसके वीडियो अपलोड करते हैं। प्रो. पंकज जैन ने बताया कि स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों को आकाशगंगा के बारे में बताने के लिए आधुनिक उपकरणों से ग्रहों की कई फोटो कैप्चर की गई हैं। समय-समय पर यह फोटो यू ट्यूब में अपलोड की जाती हैं। आने वाले दिनों में खगोलीय पिंडों की अधिक से अधिक फोटो यू ट्यूब के साथ गूगल में भी देखी जा सकेंगी। इसके बाद चांद व तारों की दुनिया उन स्कूली बच्चों के लिए रहस्यमय नहीं रह जाएगी जो उसके बारे में जानना चाहते हैं।
तारा मंडल देखेंगे नन्हें वैज्ञानिक
संस्थान में पहली बार नासा इंटरनेशनल ऑब्जर्व द मून नाइट मनाया जाएगा। 30 सितंबर से चार अक्टूबर तक वेधशाला में स्कूली छात्र तारामंडल के नजारे ले सकेंगे। वेधशाला समन्वयक तारिश सेन ने बताया कि इस वर्ष नासा इंटरनेशनल ऑब्जर्व द मून नाइट पांच अक्टूबर को होगी। पांच दिन तक छात्र-छात्राएं न केवल चांद व सितारों को देख सकेंगे बल्कि आधुनिक उपकरणों से भी परिचित होंगे।
वेधशाला की खास बातें
वेधशाला का मिलेगा नया रूप
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर अब आकाशगंगा का निकट से अध्ययन कर सकेगा। ग्रहों की गति के साथ तारामंडल का पाठ पढ़ाने वाली संस्थान की वेधशाला (ऑब्जर्वेट्री) को आधुनिक स्वरूप दिया जाएगा। ऑब्जर्वेट्री फॉर एमेच्योर एस्ट्रोनॉमिकल रिसर्च सेंटर में लगे टेलीस्कोप, गाइड स्कोप, चार्ज कपल्ड डिवाइस (सीसीडी) आटोमेटिक होने से कैंपस में कहीं भी बैठकर गतिमान ग्रहों की फोटो कैप्चर की जा सकेगी। अभी इन डिवाइस के संचालन के लिए सेंटर पर जाना पड़ता है। वेधशाला प्रमुख प्रो. पंकज जैन ने इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है।
छात्रों ने बनाया यू ट्यूब चैनल
आइआइटी की वेधशाला से जुड़े छात्रों ने (ड्डह्यह्लह्मश्रष्द्यह्वढ्ड द्बद्बह्लद्म) नाम से यू ट्यूब चैनल बनाया है। छात्र इसमें कार्यक्रमों की झलकियां व उसके वीडियो अपलोड करते हैं। प्रो. पंकज जैन ने बताया कि स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों को आकाशगंगा के बारे में बताने के लिए आधुनिक उपकरणों से ग्रहों की कई फोटो कैप्चर की गई हैं। समय-समय पर यह फोटो यू ट्यूब में अपलोड की जाती हैं। आने वाले दिनों में खगोलीय पिंडों की अधिक से अधिक फोटो यू ट्यूब के साथ गूगल में भी देखी जा सकेंगी। इसके बाद चांद व तारों की दुनिया उन स्कूली बच्चों के लिए रहस्यमय नहीं रह जाएगी जो उसके बारे में जानना चाहते हैं।
तारा मंडल देखेंगे नन्हें वैज्ञानिक
संस्थान में पहली बार नासा इंटरनेशनल ऑब्जर्व द मून नाइट मनाया जाएगा। 30 सितंबर से चार अक्टूबर तक वेधशाला में स्कूली छात्र तारामंडल के नजारे ले सकेंगे। वेधशाला समन्वयक तारिश सेन ने बताया कि इस वर्ष नासा इंटरनेशनल ऑब्जर्व द मून नाइट पांच अक्टूबर को होगी। पांच दिन तक छात्र-छात्राएं न केवल चांद व सितारों को देख सकेंगे बल्कि आधुनिक उपकरणों से भी परिचित होंगे।
वेधशाला की खास बातें
- वेधशाला मे स्थापित है पॉवर टेलीस्कोप।
- खगोलीय पिंडों का बारीकी से किया जा सकता है अध्ययन।
- टेलीस्कोप, गाइड स्कोप व सीसीडी से फोटो कैप्चर करने में लगता है एक घंटे का समय।
- पांच से दस मिनट के कई शॉट्स लेने के बाद बनती है एक फोटो।
- हाइपस्टार लैंस के इस्तेमाल से कम समय में कैप्चर की जा सकेगी फोटो।
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