पावर सेक्टर की सुरक्षा को लेकर आइआइटी गंभीर, साइबर हमला रोकने की तैयारी
पावर सप्लाई करने वाली कंपनियों के साथ मिलकर शोध करने की रणनीति बनाई जा रही है ताकि फीडर सब स्टेशन और मेन लाइनों पर कड़ी सुरक्षा होगी।
कानपुर, जेएनएन। साइबर ठगों का दायरा बढ़ता जा रहा है। व्यक्तिगत अकाउंट हैक करने के साथ ही कंप्यूटर से सूचनाएं भी एकत्रित करने में कामयाब हो रहे हैं। सरकारी व निजी कार्यालयों में कंप्यूटर और इंटरनेट आधारित उपकरणों का उपयोग हो रहा है। ऐसे में साइबर अपराध का अंदेशा बढ़ गया है। पावर सेक्टर भी अतिसंवेदनशील क्षेत्र में से एक है। इसमें फीडर, सब स्टेशन, मेन लाइन, सप्लाई लाइन को हैक किया जा सकता है। इस समस्या को रोकने के लिए आइआइटी कानपुर पावर सप्लाई करने वाली कंपनियों संग शोध करेगा।
आइआइटी के विशेषज्ञ साइबर अपराध रोकने के लिए मौजूदा व्यवस्था को और भी अधिक पुख्ता बनाएंगे। कंपनियों के इंजीनियरों और कर्मचारियों को सुरक्षा मानकों के बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्हें क्या करना है क्या नहीं, जिससे वायरस और बग्स का हमला न हो सके। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. अंकुश शर्मा के मुताबिक साइबर हमले रोकने के लिए प्रशिक्षण की जरूरत है। आजकल कई तरह की मशीनें आ गई हैं, जो कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स पर चलती हैं। यह काम तो बहुत आसान करती हैं, लेकिन इन पर साइबर हमले की आशंका भी रहती है।
टेस्टिंग बेड पर परीक्षण सिखाएंगे
आइआइटी ने कई तरह के टेस्टिंग बेड तैयार किए हैं। इन पर कंपनियों के इंजीनियरों और कर्मचारियों को परीक्षण की जानकारी दी जाएगी। वह स्वयं देख सकेंगे कि कहां गड़बड़ी है कहां नहीं। उन्हें फॉल्ट के बारे में सटीक जानकारी मिल सकेगी।