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पर्यावरण सुधारने के लिए वन विभाग को दिशा देगा आइआइटी Kanpur News

पर्यावरण प्रबंधन को लेकर आयोजित सेमिनार में वैज्ञानिक पर्यावरणविद् वन व प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने रखी अपनी बात।

By AbhishekEdited By: Published: Tue, 18 Jun 2019 03:34 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jun 2019 03:34 PM (IST)
पर्यावरण सुधारने के लिए वन विभाग को दिशा देगा आइआइटी Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। पर्यावरण सुधार के लिए आइआइटी ने गंभीरता दिखाई और अब वन विभाग को दिशा दिखाने की पहल की है। सोमवार को पर्यावरण विज्ञान विभाग व आइआइटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें कानपुर समेत प्रदेश के 15 सबसे ज्यादा वायु प्रदूषित शहरों से हानिकारक गैसों का असर कम करने के लिए मंथन किया गया। पर्यावरण सुधार के लिए वन विभाग के साथ मिलकर काम करने पर सकारात्मक पहल की गई।

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आइआइटी में मंगलवार को प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए पर्यावरण प्रबंधन को लेकर देशभर के वैज्ञानिक, पर्यावरणविद्, वन व प्रदूषण विभाग के अधिकारी जुटे। पुराने ढर्रे पर काम कर रहे वन विभाग को हाईटेक करने की बात रखी गई, जिसमें आइआइटी की ओर सहयोग पर सहमति बनी। आइआइटी कानपुर के साथ मिलकर वन विभाग अपनी सभी गतिविधियों को मॉर्डेनाइज करेगा। तय हुआ कि वन्यजीवों की ट्रैकिंग के लिए आधुनिक उपकरण उपयोग में लाए जाएंगे, इसकी तकनीक तैयार करने में आइआइटी के प्रोफेसर मदद करेंगे। जंगल में आग लगने की घटना पर त्वरित उपाय के प्रबंध किए जाएंगे, जिसपर पीलीभीत में डेमो शुरू करा दिया गया है।

सेमिनार में पीसीसीएफ पवन कुमार ने बताया कि जिन-जिन बातों पर मंथन हुआ है, उसकी रिपोर्ट आइआइटी तीन माह में देगा। जल्द ही यहां के प्रोफेसर वन विभाग के अफसरों के साथ मौके पर जाकर लाइव डेमो करेंगे। इस दौरान आइआइटी प्रोफेसर व वन विभाग के अफसर मौजूद रहे।

शहर में बनेंगे बायो डाइवर्सिटी पार्क

क्षेत्रीय अधिकारी घनश्याम के मुताबिक शहर में कई जगह बायो डाइवर्सिटी पार्क विकसित करने की योजना है। यह आइआइटी के प्रोफेसरों व विशेषज्ञों के सहयोग व दिशानिर्देश में तैयार किए जाएंगे। इसका अलग बजट मिलेगा। वहीं दूसरी ओर आइआइटी के सिविल इंजीनियङ्क्षरग विभाग के प्रोफेसर व वरिष्ट पर्यावरणविद् प्रो. एसएन त्रिपाठी, प्रो. मुकेश शर्मा वायु प्रदूषण पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा पर्यावरण विज्ञान के प्रो. इंद्र शेखर सेन, प्रो.आनंद सुब्रमण्यम समेत कई विशेषज्ञ भी इस क्षेत्र में प्रोजेक्ट कर रहे हैं।

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