डिफेंस कॉरीडोर का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा आइआइटी कानपुर
इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कोऑपरेशन सचिव ने निदेशक को भेजा पत्र। ड्रोन, छोटे फाइटर प्लेन, 360 डिग्री मूविंग फाइटर प्लेन की तकनीक होगी विकसित
जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रदेश में डिफेंस कॉरीडोर (रक्षा गलियारे) कासेंटर ऑफ एक्सीलेंस (श्रेष्ठता का केंद्र) आइआइटी कानपुर में बनाया जाएगा। इसमें ड्रोन, छोटे फाइटर प्लेन, 360 डिग्री मूविंग फाइटर प्लेन, कम्यूनिकेशन सिस्टम, वायरलेस आदि तकनीक को विकसित किया जाएगा। इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कोऑपरेशन के सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने निदेशक प्रो. अभय क¨रदकर को इस संबंध में पत्र भेजा है। निदेशक ने एयरोस्पेस विभाग के एचओडी प्रो. एके घोष को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का नोडल अधिकारी बनाया है।
'इनोवेशन हब' की तरह करेगा काम
श्रेष्ठता का केंद्र 'इनोवेशन हब' की तरह काम करेगा। इसमें छात्रों और शोधार्थियों के आइडिया और तकनीक पर उत्पाद बनाए जाएंगे। इसमें कई कंपनियों और औद्योगिक इकाइयों की मदद ली जा सकेगी।
सरकार और संस्थान में सहमति
डिफेंस कॉरीडोर, सुरक्षा, स्वास्थ, कृषि क्षेत्र में सहयोग के लिए सरकार और आइआइटी के बीच सहमति बनी है। डायरेक्टर प्रो. अभय क¨रदकर, डिप्टी डायरेक्टर प्रो. मणींद्र अग्रवाल कई बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर चुके हैं।
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एलुमिनाई एसोसिएशन ने दिए कई प्रोजेक्ट
आइआइटी कानपुर की एलुमिनाई एसोसिएशन ने उद्यमिता को लेकर संस्थान को कई प्रोजेक्ट दिए हैं। यह घोषणा मुंबई में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने की। उस कार्यक्रम में निदेशक समेत कई फैकल्टी और संस्थान के पूर्व छात्र उपस्थित रहे।
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इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कोऑपरेशन के सचिव का पत्र मिला है। उसके आधार पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं। एक दो दिन में प्लान बनाकर काम शुरू हो जाएगा।
-प्रो. अभय क¨रदकर, निदेशक आइआइटी कानपुर