IIT Kanpur में शुरू होने जा रहा एमटेक का नया कोर्स, अब तैयार करेगा साइबर सिक्योरिटी के 'मास्टर'
साइबर सिक्योरिटी इनोवेशन हब के विस्तार के लिए डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी को 196 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है जिसमें सौ करोड़ मिलने वाले हैं।
कानपुर, जेएनएन। साइबर अपराधियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अब आइआइटी कानपुर साइबर सिक्योरिटी के 'मास्टर' तैयार करेगा। संस्थान अगले सत्र यानी वर्ष 2021 से साइबर सिक्योरिटी में एमटेक कराने जा रहा है। आइआइटी ने साइबर सिक्योरिटी इनोवेशन हब के तकनीकी विस्तार और स्टार्टअप के लिए केंद्र सरकार के डिपार्टमेट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी से 196 करोड़ रुपये मांगे हैं। इसमें से 100 करोड़ मिलने जा रहे हैं। इस फंड से देश के दूसरे संस्थानों में साइबर अपराध पर शोध और अन्य कार्यक्रमों को तकनीकी व आर्थिक मदद दी जाएगी।
आइआइटी में साइबर सिक्योरिटी पर पहले से ही काम चल रहा है। अब इसे और आगे बढ़ाते हुए साइबर सिक्योरिटी इनोवेशन हब का विस्तार करने की तैयारी है। साइबर सिक्योरिटी में एमटेक कोर्स भी शुरू होगा। इससे सिर्फ हैकरों के जाल ही नहीं तोड़े जा सकेंगे, बल्कि इससे जुड़े उद्योगों को आगे बढ़ाने में भी मदद की जाएगी। साइबर सिक्योरिटी से जुड़े कुछ ऑनलाइन कोर्स भी चलाए जाएंगे। आइआइटी कानपुर इस दिशा में आइआइटी खड़गपुर, आइआइटी दिल्ली, ट्रिपल आइटी प्रयागराज, आइआइएससी समेत अन्य संस्थाओं को भी आर्थिक व तकनीकी सहयोग करेगा। शोध के लिए बजट देगा। 100 से अधिक स्टार्टअप भी किए जाएंगे।
साइबर सिक्योरिटी इनोवेशन हब के इंचार्ज प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने बताते हैं कि हब के विस्तार के लिए डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी को 196 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है। आइआइटी निदेशक प्रो. अभय करंदीकर कहते हैं कि साइबर सिक्योरिटी से जुड़े संसाधनों को बढ़ाने के लिए 196 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है। अभी 100 करोड़ रुपये मिलेंगे। हालांकि, इसकी अधिकृत सूचना नहीं मिली है।
क्या क्या होंगे काम
- -साइबर सिक्योरिटी में शोध व उद्यमिता विकास करेंगे।
- -औद्योगिक इकाइयों और कंपनियों में साइबर सुरक्षा मजबूत करेंगे।
- -अन्य तकनीकी संस्थानों के प्रोजेक्ट को फं¨डग कर सकेंगे।
- -टेस्टिंग बेड के जरिए सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों आदि के सॉफ्टवेयर की सुरक्षा जांचेंगे।
- -ऑनलाइन शैक्षणिक कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
- - पुलिस और सेना का सहयोग किया जाएगा।
- -विदेशी छात्र भी प्रशिक्षण ले सकेंगे।