आइआइटी कानपुर में विदेशी छात्रा से छेड़छाड़ करने वाले प्रोफेसर को किया जाएगा जबरन सेवानिवृत्त
तीन महीने चली जांच के बाद तैयार रिपोर्ट के आधार पर आइआइटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में वरिष्ठ प्रोफेसर को जबरन सेवानिवृत्त करने का निर्णय लिया गया।
कानपुर, जेएनएन। आइआइटी कानपुर में तीन महीने पहले विदेशी छात्रा से छेड़छाड़ करने वाले सिविल इंजीनियर विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर को जबरन सेवानिवृत्त किया जाएगा। शनिवार को आइआइटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में इसका निर्णय किया गया। तीन महीने चली जांच में प्रोफेसर, कर्मचारी व छात्र-छात्राओं से पूछताछ के बाद तैयार रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई। फैसले के बाद दोषी प्रोफेसर को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त करने की प्रक्रिया भी आइआइटी प्रशासन ने शुरू कर दी है। आइआइटी के इतिहास में किसी प्रोफेसर के खिलाफ ऐसी कार्रवाई का यह पहला मामला होगा।
आइआइटी में विदेशी छात्रा के साथ छेड़छाड़ का मामला सितंबर में हुआ था। शिकायत के बाद भी आइआइटी प्रशासन उसे सप्ताह भर तक दबाने में लगा रहा। इस चुप्पी पर छात्रा ने संस्थान के वूमेन सेल और दूतावास से शिकायत की। दूतावास के दबाव बनाने पर आइआइटी ने आननफानन मामले की जांच शुरू कर दी। दूतावास के अफसरों ने भी आइआइटी प्रशासन से पूछताछ की थी। तीन महीने तक विदेशी छात्र-छात्राओं के अलावा प्रोफेसर व कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई। सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। कई बार अलग-अलग जांच समितियों ने रिपोर्ट दी, जिसका विश्लेषण करने के बाद आखिरकार 28 दिसंबर को हुई बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में प्रोफेसर को दोषी माना गया और जबरन सेवानिवृत्ति का फैसला सुनाया गया।
आइआइटी के एक आला अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि जबरन सेवानिवृत्ति को लेकर प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है, हालांकि उन्होंने इसकी आधिकारिक पुष्टि करने से मना कर दिया। इस मामले में कई बार निदेशक को फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। पहले मामले को दबाने वाला आइआइटी प्रशासन फैसले के बाद भी किसी प्रकार की आधिकारिक जानकारी देने से बच रहा है।