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Google के यूनिवर्सिटीज सर्च इंजन में आइआइटी कानपुर का देश में तीसरा स्थान, जानिए- किसकी क्या रैंक

आइआइटी कानपुर को एक बार फिर सर्च रैकिंग में उपलब्धि हासिल हुई है। प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों को पीछे छोड़ते हुए सीएसजेएमयू ने भी 91वीं रैंक प्राप्त की है जबकि चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय को 487वीं और एचबीटीयू को 489वीं रैंक मिली है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 09:53 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 09:53 AM (IST)
Google के यूनिवर्सिटीज सर्च इंजन में आइआइटी कानपुर का देश में तीसरा स्थान, जानिए- किसकी क्या रैंक
सर्च इंजन में कानपुर के कई संस्थानों का परचम।

कानपुर, जेएनएन। इंटरनेट सर्च इंजन में शहर के तीन शिक्षण संस्थानों को देशभर में अच्छी रैैंकिंग मिली है। शिक्षण संस्थानों के लिए जारी किए यूनिवर्सिटीज सर्च इंजन की रैैकिंग में सबसे आगे देश को बेहतरीन टेक्नोक्रेट देने वाला संस्थान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) है। दिल्ली विश्वविद्यालय व आइआइटी बांबे के बाद आइआइटी कानपुर को तीसरा स्थान मिला है। प्रदेश के शिक्षण संस्थानों व विश्वविद्यालयों में यह अव्वल है। संस्थान में पद्मश्री व शांति स्वरूप भटनागर प्राप्त करने वाले पूर्व छात्र व प्रोफेसर यहां की शान हैं।

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शांति स्वरूप भटनागर अवार्ड प्राप्त करने वाले आइआइटी प्रोफेसर व पूर्व छात्र : प्रो. सीएनआर राव, प्रो. एमवी जार्ज, प्रो. पीटी नरङ्क्षसह्मन, प्रो. गोवर्धन मेहता, प्रो. सुब्रमणिया रंगनाथन, प्रो. जेबी शुक्ला, प्रो. यूबी तिवारी, प्रो. एन सत्यमूर्ति, प्रो. एस चंद्रशेखर, प्रो. मणींद्र अग्रवाल, प्रो. सुब्रह्मणियम अनंत रामकृष्ण, प्रो. अविनाश अग्रवाल, प्रो. आशुतोष शर्मा, प्रो. सच्चिदानंद त्रिपाठी, प्रो. संदीप वर्मा, प्रो. जेएन मूर्ति, प्रो. अमलेंदु चंद्रा, प्रो. विनोद कुमार ङ्क्षसह, प्रो. वी चंद्रशेखर, प्रो. टीके चंद्रशेखर, प्रो. कल्यानमोए देब, प्रो. योगेश जोशी, प्रो. संजय मित्तल, प्रो. नितिन सक्सेना

अंग्रेजों के जमाने का कालेज, अब विवि बनकर दे रहा ज्ञान का प्रकाश : एचबीटीयू को 489वीं रैंक मिली है। अंग्रेजों के जमाने में स्थापित किया गया हरकोर्ट बटलर प्राविधिक संस्थान अब हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) किसी परिचय का मोहताज नहीं है। यहां से निकलने वाले छात्र छात्राएं देश की मल्टीनेशनल कंपनियों में उच्च पदों पर कार्यरत रहने के अलावा देश के प्रशासनिक पदों पर अपनी सेवाओं दे रहे हैं। विश्वविद्यालय बनने के बाद संस्थान की गरिमा और बढ़ी है। इसकी स्थापना 1921 में हुई थी।

सीएसजेएमयू में विकास की गति हो रही तेज : इस रैकिंग में सीएसजेएमयू की 91वां स्थान है। ई-गवर्नेंस लागू होने के बाद छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के विकास की गति तेज हो रही है। यह विवि की बड़ी उपलब्धि है कि कुलपति प्रो. विनय पाठक ने पदभार संभालते ही पीएचडी के लिए आवेदन फार्म जारी करके छात्रों को तोहफा दिया है। शोध गंगा पोर्टल पर विवि के 10 हजार से अधिक थीसिस अपलोड हैं।

कृषि प्रौद्योगिकी में दिखा रहा तरक्की की राह: चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने गेहूं धान मक्का चना मटर मसूर समेत अन्य अनाजों की उन्नत प्रजातियां विकसित करके देश को तरक्की की राह दिखाई है। यहां पर नए-नए बीजों को विकसित करने पर अनुसंधान करने के साथ-साथ छात्रों को उन्नत किस्म के बारे में भी जानकारी दी जाती है। यहां के छात्र देश विदेश में कृषि तकनीक के जरिए विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैैं। विश्वविद्यालय को इसमें 487वां स्थान मिला है।


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