अब कूड़ा भी होगा वायरस और बैक्टीरिया रहित, IIT Kanpur ने बनाया नेचर्स बॉक्स स्मार्ट बिन
नेचर्स बॉक्स स्मार्ट बिन में कूड़े बैक्टीरिया और वायरस खत्म हो जाएंगे और उठाने वाले सुरक्षित रहेंगे।
कानपुर, [विक्सन सिक्रोडिय़ा]। अब कूड़ेदान में बैक्टीरिया व वायरस पनपकर लोगों को बीमार नहीं कर सकेंगे। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर के पर्यावरण अभियांत्रिकी व प्रबंधन के पूर्व छात्र डॉ. अमित सिंह चौहान ने ऐसा 'नेचर्स बॉक्स स्मार्ट बिन बनाया है, जिसमें खतरनाक वायरस महज तीन घंटे के अंदर ही मर जाएंगे। ऐसे में कूड़ा फेंकने व उठाने वाले खतरनाक वायरस से सुरक्षित रहेंगे।
संत कबीरनगर के बाद कानपुर में लगेंगे स्मार्ट बिन
आइआइटी कानपुर के प्रो. तरुण गुप्ता व आइआइटी जोधपुर के प्रो. सुमित कालरा के सहयोग से बनाए गए स्मार्ट बिन को संतकबीरनगर में लगाए जाने की तैयारी है। पहले चरण में 25 स्मार्ट बिन लगाए जाएंगे। इसके बाद कानपुर में सार्वजनिक स्थलों पर लगाए जाने की योजना है।
यह है कूड़ेदान की खासियत
वर्तमान में स्टार्टअप के क्षेत्र में काम कर रहे डॉ. अमित सिंह चौहान ने बताया कि उन्होंने 80 लीटर से लेकर 120 लीटर क्षमता के 'नेचर्स बॉक्स स्मार्ट बिन' बनाए हैं। इस कूड़ेदान में कई धातुओं के कंपाउंड व रसायन के मिश्रण की कोटिंग की गई है। कंपाउंड के संपर्क में आने पर बैक्टीरिया व वायरस मर जाते हैं। जिस प्रकार सैनिटाइजर व साबुन से वायरस खत्म हो जाता है उसी प्रकार धातु के मिश्रण की कोटिंग उसे मार देती है। अगर कूड़ा फेंकते समय आपका हाथ कूड़ेदान से छू भी जाता है, तब भी बैक्टीरिया व वायरस आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकेंगे, जबकि साधारण डस्टबिन में ऐसा नहीं है।
सेंसर देंगे डस्टबिन भरने की जानकारी
शहरी नगर निगम के लिए डास्टबिन बेहद फायदेमंद हैं। सबसे पहले बात इस डस्टबिन का कूड़ा बैक्टीरिया और वायरस से रहित होगा तो कर्मचारियों को संक्रमण का कोई खतरा नहीं होगा। इसके साथ सबसे खास बात यह है कि इसके भर जाने पर अलार्म मिलेगा। यानि इंटरनेट से जुड़े इन बॉक्स में लगे सेंसर दूर बैठे अधिकारियों व कर्मचारियों को बता देगा कि डस्टबिन भर चुका है। इसकी निगरानी कंप्यूटर व मोबाइल से की जा सकती है।
20 से 50 हजार रुपये तक कीमत
डॉ. अमित सिंह चौहान ने बताया कि साल भर की शोध के बाद यह स्मार्ट बिन तैयार किया है। सूखे व गीले-कूड़े के लिए अलग-अलग स्मार्ट बिन बनाए गए हैं। कीमत 20 से 50 हजार रुपये तक होगी। लॉकडाउन खत्म होने के बाद सबसे पहले संत कबीरनगर में लगाए जाने की योजना है। इसके बाद बाजार में उतारा जाएगा। सरकारी तंत्र के जरिए यह शहरों में लगाए जाएंगे जबकि प्राइवेट अपार्टमेंट भी इसे अपनी सोसाइटी के लिए ले सकेंगे।