'उद्घोष 2018' में आइआइटी कानपुर का जलवा
हॉकी, वेट लिफ्टिंग, पावर लिफ्टिंग, एथलेटिक्स का खिताब जीता, आइआइटी कानपुर के ही सौम्य रूप भट्टाचार्य बने मिस्टर उद्घोष
जागरण संवाददाता, कानपुर : खेलों के महाकुंभ 'उद्घोष 2018' में मेजबान आइआइटी कानपुर का जलवा रहा। चार दिनों तक चली खेल प्रतियोगिता की अधिकतर स्पर्धाओं में आइआइटी कानपुर ने ही जीत दर्ज की है। संस्थान के सौम्य रूप भट्टाचार्य को मिस्टर उद्घोष की उपाधि से नवाजा गया। निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बतौर मुख्य अतिथि विजेताओं को पुरस्कृत किया। प्रो. शुनमुगराज, प्रो. सुदीप कामले, प्रो.जे रामकुमार समेत अन्य फैकल्टी और स्टाफ उपस्थित रहे। समापन समारोह में छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।
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खेल स्पर्धाएं
एथलेटिक्स (पुरुष)
1. आइआइटी कानपुर
2. एमएनएनआइटी इलाहाबाद
3. आइआइटी रुड़की एथलेटिक्स (महिला)
1. एमएनएनआइटी इलाहाबाद
2. आइआइटी रुड़की
3. आइआइटी कानपुर बैडमिंटन (पुरुष)
1. राजा लक्ष्मी इंजीनिय¨रग कॉलेज
2. आइआइटी रुड़की
3. आइआइटी कानपुर बैडमिंटन (महिला)
1. एनआइटी राउरकेला
2. आइआइटी खड़गपुर
3. बीआइटी मेसरा बास्केट बॉल (पुरुष)
1. डीसीएसी
2. आइआइटी खड़गपुर
3. एमयूजे बास्केटबॉल (महिला)
1. आइआइटी रुड़की
2. आइजीडीयूडब्ल्यू
3. आइआइटी कानपुर शतरंज
1. आइआइटी खड़गपुर
2. आइआइटी रुड़की
3. डीटीयू क्रिकेट
1. आइपीएस इंदौर
2. डीटीयू
3. आइआइटी कानपुर हैंडबॉल (पुरूष)
1. आइआइटी बीएचयू
2. एनआइटी राउरकेला
3. डीटीयू हॉकी
1. आइआइटी कानपुर
2. आइआइटी बीएचयू
3. आइआइटी खड़गपुर कबड्डी
1. काशी इंस्टीट्यूट
2. लिंगया इंस्टीट्यूट
3. आइआइटी बीएचयू टेबल टेनिस (पुरुष)
1. जाकिर हुसैन
2. आइआइटी कानपुर
3. आइआइटी बीएचयू टेबल टेनिस (महिला)
1. एमआरआइआइएस
2. आइआइटी दिल्ली
3. आइआइटी कानपुर स्क्वैश (पुरुष)
1. आइआइटी मुंबई
2. आइआइटी कानपुर
3. आइआइटी खड़गपुर वॉलीबॉल (पुरुष)
1. बीटीकेआइटी
2. आइआइटी कानपुर
3. बीकेबीआइईटी वॉलीबॉल (महिला)
1. जेडीएमसी
2. आइआइटी रुड़की
3. आइआइटी कानपुर वेट लिफ्टिंग
1. आइआइटी कानपुर
2. आइआइटी रुड़की
3. आइआइटी खड़गपुर पॉवर लिफ्टिंग
1. आइआइटी कानपुर
2. आइआइएम लखनऊ
3. आइआइटी रुड़की
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मन की जानों मन क्या चाहता है
समापन समारोह में 2015 बैच की आइएएस टॉपर दिव्यांग इरा सिंघल भी शामिल हुई। वह इस समय दिल्ली के अलीपुर में एसडीएम हैं। उन्होंने दिव्यांग कैटेगरी के विजेता छात्रों को पुरस्कृत किया। इस साल पहली बार दिव्यांग कैटेगरी की 15 स्पर्धाएं आयोजित की गई। इरा सिंघल छात्रों से मुखातिब भी हुई। उन्होंने बताया कि पहले आप अपने मन की जाने कि वह क्या चाहता है। अगर कॅरियर की दृष्टि में जो मन चाह रहा है, उसी क्षेत्र का लक्ष्य निर्धारित करें। फिर देखना कामयाबी खुद ब खुद अपना रास्ता तलाश लेगी। अगर कभी असफलता हाथ लगती है तो इसमें निराश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि जो असफल होता है, उसी को सफलता का स्वाद मिलता है। फेल होने पर अपनी कमियों को तलाशें, माता, पिता और मित्रों से बेहतर संबंध रखें। सबसे खास बात अपने आप से झूठ न बोलें।