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उत्तराखंड आपदा राहत में IIT Kanpur का भी खास योगदान, NDRF संग कंधे से कंधा मिलाकर चला ड्रोन

उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने के बाद आई आपदा में एनडीआरएफ ने बचाव कार्य शुरू किया लेकिन सुरंग में फंसे लोगों की जानकारी नहीं मिलने से मुश्किल हो रही थी। ऐसे में आइआइटी कानपुर का ड्रोन एनडीआरएफ टीम के लिए मददगार साबित हुआ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 01:58 PM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 05:25 PM (IST)
उत्तराखंड आपदा राहत में IIT Kanpur का भी खास योगदान, NDRF संग कंधे से कंधा मिलाकर चला ड्रोन
एनडीआरएफ के लिए मददगार बना कानपुर आइआइटी का ड्रोन।

कानपुर, जेएनएन। उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने के बाद आई आपदा में एनडीआरएफ के बचाव कार्य में आइआइटी कानपुर का भी खासा योगदान रहा। आइआइटी की इंक्यूबेटेड कंपनी एंडयोर एयर के ड्रोन की मदद से उत्तराखंड आपदा में सर्च अभियान चलाया गया। इस ड्रोन की मदद से एनडीआरएफ को काफी आसानी हुई। बचाव कार्य में खास भूमिका निभाने वाले ड्रोन के चर्चे काफी उच्च स्तर तक हो रहे हैं।

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उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने के बाद आई आपदा में सैकड़ों लोग सुरंग में फंस गए थे। सेना और एनडीआरएफ के जवानों को सुरंग के अंदर और पानी के नीचे फंसे लोगों की जानकारी जुटाने में मुश्किल हो रही थी। सुरंग के संकरे रास्ते से अंदर जवान भी जाने में असमर्थ थे, ऐसे में सुरंग के अंदर कितने लोग हैं, इसका पता नहीं चल पा रहा था। तब आइआइटी कानपुर में बनाए गए ड्रोन ने सेना और एनडीआरएफ की टीम को सुरंग के अंदर फंसे हुए लोगों की जानकारी दी, जिसके बाद बचाव कार्य किया गया। ड्राेन में लगे कैमरे से कहां ज्यादा खतरा है और कहां लोग फंसे हुए हैं, किधर से जाया जा सकता है, इसकी जानकारी मिल सकी। कंपनी को प्रधानमंत्री विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद के अधीन अग्नि कार्यालय की ओर से आमंत्रित किया गया।

एंड्योर एयर के को-फाउंडर चिराग जैन ने कहा कि अग्नि की ओर से आमंत्रण मिलते ही टीम कई ड्रोन के साथ उत्तराखंड पहुंची। सबसे पहले सुरंग में छोटा ड्रोन भेजा गया और लोकेशन के साथ फोटो कंट्रोल रूम में आती गई। इसकी मदद से एनडीआरएफ की टीम रेसक्यू चलाती रही। उन्होंने बताया कि यह स्टार्टअप हर तरह के ड्रोन तैयार कर रहा है, जो सेना और आपदा में विशेष रूप से मददगार साबित होंगे। एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसिन शाहिदी, सीओ पीके तिवारी, डीसी आदित्य प्रताप सिंह के साथ मिलकर टीम ने काम किया।

भारत में ऐसा पहली बार हुआ है कि स्टार्टअप को अपनी उभरती हुई स्वदेशी तकनीक के लिए आपदा प्रबंधन के शुरुआती दौर के बचाव दल की सहायता करने के लिए बुलाया गया। बचाव कार्य में मदद मिली बल्कि उसे और उपयोगी बनाने के लिए बेहतर प्रतिक्रिया भी मिली। उसे आपदा प्रबंधन के लिए और बेहतर और अनुकूल बनाया जा सकता है। एंड्योरएयर और आईआईटी कानपुर को ड्रोन की उपयोगिता पर खासा गर्व हुआ है।


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