IIT Kanpur की समर्थित कंपनी ने कर्नाटक सरकार से किया करार, ब्लाकचेन नेटवर्क विकसित करने के लिए करेगी काम
ई-गवर्नमेंट प्रोक्योरमेंट (ई-जीपी) सिस्टम विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों की खरीद और निविदा जरूरतों को पूरा करता है। हालांकि ई-जीपी प्रणालियों ने सरकारी खरीद में दक्षता व पारदर्शिता बढ़ाने में योगदान दिया है लेकिन मौजूदा प्रणालियों के और आगे बढ़ने की संभावना है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। आइआइटी से समर्थित कंपनी क्रुबन ने कर्नाटक की प्रमुख साफ्टवेयर डेवलपमेंट एजेंसी सेंटर फार स्मार्ट गवर्नेंस के साथ गुरुवार को साझेदारी की। कंपनी कर्नाटक सरकार के लिए एक लाइसेंस प्राप्त ब्लाकचेन नेटवर्क विकसित करने के लिए काम करेगी, ताकि देश भर में ई-गवर्नमेंट प्रोक्योरमेंट (ई-जीपी) सिस्टम को आसान और सुरक्षित बनाया जा सके। यह अखिल भारतीय प्रणाली होगी, जो सार्वजनिक खरीद से जुड़े समय और लागत को भी कम करेगी।
ई-गवर्नमेंट प्रोक्योरमेंट (ई-जीपी) सिस्टम विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों की खरीद और निविदा जरूरतों को पूरा करता है। हालांकि ई-जीपी प्रणालियों ने सरकारी खरीद में दक्षता व पारदर्शिता बढ़ाने में योगदान दिया है, लेकिन मौजूदा प्रणालियों के और आगे बढ़ने की संभावना है। आइआइटी के विशेषज्ञों ने बताया कि क्रुबन (सीआरयूबीएन) आइआइटी की इनक्यूबेटेड कंपनी है, जो दुनिया भर में सरकार और व्यावसायिक संस्थाओं के लिए अत्याधुनिक ब्लाकचेन समाधान उपलब्ध कराती है। इस साझेदारी का उद्देश्य देश भर में 50 से अधिक परिचालन ई-जीपी सिस्टम को इंटरआपरेबल बनाकर सिस्टम की समस्याओं को कम करना है।
आइआइटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि संस्थान का स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआइआइसी) नए प्रयोगों को बढ़ाने में मदद करता है। क्रुबन कंपनी की टीम देश भर में प्रमुख ब्लाकचेन नेटवर्क विकसित करने में मदद करेगी। इससे मौजूदा ई-गवर्नेंस सिस्टम समृद्ध होगा। इस ब्लाकचेन नेटवर्क का उपयोग आपूर्तिकर्ताओं के दावों और उनकी पहचान को मान्य करने में किया जाएगा। यही नहीं, प्रस्तावित प्रणाली सभी ई-जीपी प्रणालियों को एक नेटवर्क से जोड़ेगी, जो भारत के भीतर उपयोग में आने वाले विभिन्न ई-जीपी प्रणालियों के बीच प्रासंगिक आपूर्तिकर्ता डाटा को दोबारा हासिल करने में मदद करेगी। साथ ही उन्हें सशक्त बनाकर बैंक गारंटी को डिजिटलाइज भी करेगी।
परियोजना की विशेषताएं:
- यह ब्लाकचैन नेटवर्क देश भर में ई-जीपी सिस्टम्स के नियम और शर्तों द्वारा शासित होगा।
- प्रणाली का उपयोग राष्ट्रीय डी-डुप्लीकेटआपूर्तिकर्ता डाटा स्टोर के रूप में किया जा सकेगा।
- प्रणाली निविदा प्रसंस्करण से जुड़ी भारी लागत से बचाएगा और प्रक्रिया को सरल व कुशल बनाएगा।
- अखंडता बनाए रखने के लिए टोकनयुक्त और गोपनीयता-संरक्षण तरीके से बैंक गारंटी भी प्रणाली में लाई जाएगी।
- बैंक गारंटियों के टोकनकरण का अर्थ यह होगा कि वे लेनदेन का अधिक स्वीकार्य साधन बन जाएंगी।
यह है क्रुबन कंपनी: आइआइटी में इनक्यूबेटेड क्रुबन (सीआरयूबीएन) की शुरुआत उन शोधकर्ताओं, इंजीनियरों और लीडरों ने की थी, जिन्होंने संस्थान में नेशनल ब्लाकचैन प्रोजेक्ट के तहत अत्याधुनिक ब्लाकचेन तकनीक का निर्माण किया था। यह कंपनी भारतीय ई-गवर्नेंस परिदृश्यों के लिए विशेष रूप से डिजाइन और अनुकूलित, अत्याधुनिक उपकरण और प्रौद्योगिकियां प्रदान करता है।