Move to Jagran APP

IIT Kanpur व SGPGI लखनऊ के बीच करार, 5जी नेटवर्क देगा शहर-गांव में इलाज को रफ्तार

कोरोना समेत अन्य बीमारियों में शहर ही नहीं अब ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को फायदा मिल सकेगा। इसका प्रयोग टेलीमेडिसिन के लिए किया जाएगा और आनलाइन करार होने के बाद एसजीपीआइ ने तैयारी भी शुरू कर दी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 30 Jun 2021 07:49 AM (IST)Updated: Wed, 30 Jun 2021 01:24 PM (IST)
IIT Kanpur व SGPGI लखनऊ के बीच करार, 5जी नेटवर्क देगा शहर-गांव में इलाज को रफ्तार
टेलीमेडिसिन की चिकित्सा में आएगा बड़ा बदलाव।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी के कहर में संक्रमितों की लगातार बढ़ती संख्या के आगे चिकित्सा व्यवस्था के संसाधन बौने पडऩे लगे थे। अस्पतालों में आपाधापी मच गई थी। चिंता का एक विषय पैदा हो गया था कि आखिर हर किसी को कैसे बेहतर इलाज दिलाया जाए। कई बड़े शहरों में टेलीमेडिसिन तकनीक का भी सहारा लिया गया। आनलाइन माध्यम से विशेषज्ञ इलाज में जुटे रहे। कोरोना की चुनौतियों को देखते हुए नेटवर्क आधारित इस तकनीक को अब मजबूत और बेहतर बनाने की पहल हुई है। अब इसे 5जी नेटवर्क के साथ शुरू करने की तैयारी हो रही है।

loksabha election banner

ग्रामीण क्षेत्र में मरीजों को होगा फायदा : कोरोना समेत तमाम बीमारियों में शहर ही नहीं, ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को विशेषज्ञों का परामर्श मिल सकेगा और उनकी रिपोर्ट के आधार पर तुरंत ही इलाज शुरू हो जाएगा। कई किलोमीटर दूर बैठे डाक्टर मरीजों का हाल चाल जान सकेंगे। यह सब आइआइटी कानपुर और संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (एसजीपीजीआइ), लखनऊ के बीच मंगलवार को हुए करार से होगा। 5जी नेटवर्क से टेलीमेडिसिन की शुरुआत के बाद मरीजों का डाटा विशेषज्ञ डाक्टरों के पास तेजी से भेजा जा सकेगा। बिना किसी बाधा विशेषज्ञ सीएचसी, पीएचसी और जिले के सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों से संवाद कर सकेंगे।

आइआइटी में हो चुकी टेस्टिंग : आइआइटी कानपुर, आइआटी चेन्नई कुछ अन्य संस्थानों के साथ मिलकर 5जी पर काम कर रहे हैं। यहां पिछले साल संस्थान में 5जी की टेस्टिंग हो चुकी है, जिसमें डाटा ट्रांसफर करके स्पीड देखी गई थी, काल भी हुई थी। अब इंटरनेट की स्पीड को और बेहतर कर दिया गया है। इससे आइआइटी और एसजीपीजीआइएमएस अब इसी स्पीड पर काम करने की तैयारी में हैं। कुछ सरकारी अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी को ङ्क्षलक किया जाएगा। एंबुलेंस सुविधा और इमरजेंसी, एचडीयू, आइसीयू को जोड़ा जा सकता है। आनलाइन करार के दौरान आइआइटी निदेशक प्रो. अभय करंदीकर व एसजीपीजीआइएमएस के निदेशक प्रो. आरके धीमान समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

मरीजों की मानीटरिंग आसान : एएनएम, स्टाफ नर्स और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ डाक्टरों से जुड़ सकेंगे। डाक्टर को भी मरीजों की मानीटरिंग करना आसान हो जाएगा। अभी यह व्यवस्था कई बड़े अस्पतालों में है। एसजीपीजीआइएमएस भी इस पर काम कर रहा है।

कोरोना संक्रमण में कारगर : विशेषज्ञों के मुताबिक यह व्यवस्था कोरोना संक्रमण के दौरान कारगर साबित हो सकती है। विशेषज्ञ डाक्टर संक्रमितों की हालत देखकर उनके आगे के इलाज की रूपरेखा तैयार कर सकते हैं। गंभीर होने पर एक साथ कई डाक्टर टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीज की जान बचा सकेंगे।

  • आइआइटी कानपुर और एसजीपीजीआइएमएस मिलकर टेलीमेडिसिन पर काम करने जा रहे हैं। इसमें 5जी नेटवर्क का इस्तेमाल होगा। दोनों संस्थानों के बीच करार से चिकित्सा, शोध और तकनीक को बढ़ावा मिलेगा। -प्रो. अभय करंदीकर, निदेशक आइआइटी कानपुर

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.