आइआइटियंस ने दिया चीन को करारा जवाब, बनाया कई खूबियों वाला कागज मोबाइल एप
चीन के कैम स्कैनर के मुकाबले कागज एप में कई खूबियां हैं अबतक 11 लाख से अधिक लोग एप को डाउनलोड कर चुके हैं।
कानपुर, [शशांक शेखर भारद्वाज]। सीमा पर जहां भारतीय जांबाज चीन को सबक सिखाने को तैयार बैठे हैं, वहीं भारत के टेक्नोक्रेट तकनीक के क्षेत्र में उसे पटकनी दे रहे हैं। भारत में अपने तमाम मोबाइल एप बैन किए जाने से बौखला उठे चीन को उससे बेहतर एप बनाकर जवाब दिया जा रहा है। भारत के आत्मनिर्भर अभियान में तकनीक संस्थान, इसके छात्र-छात्राएं व एल्युमिनाई जुड़ते जा रहे हैं। इसी अभियान के तहत आइआइटी के पुरातन छात्रों ने कागज नाम से ऐसा स्कैनर एप बनाया है, जिसकी खूबियों के कारण इसे खूब सराहा जा रहा है। चीन के कैम स्कैनर पर यह भारी है।
11 लाख लोग कर चुके डाउनलोड
कागज एप की खासियत यह है कि इसको ऑफलाइन मोड पर भी चलाया जा सकता है। किसी तरह भी रजिस्ट्रेशन, फोन नंबर, ई-मेल आइडी डालने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसमें कोई विज्ञापन नहीं आता है। अब तक 11 लाख से अधिक लोग इसे डाउनलोड कर चुके हैं। कागज स्कैनर को शिक्षा मंत्रालय, डिजिटल इंडिया और आत्म निर्भर अभियान की ओर से अनुमोदन मिल चुका है। शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक बधाई दे चुके हैं।
इन छात्रों ने मिलकर बनाया एप
कागज एप को आइआइटी कानपुर से पासआउट गौरव श्रीश्रीमल, आइआइटी मुंबई के पुरातन छात्र स्नेहांशु गांधी, आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के तमनजीत बिंद्रा ने सात से आठ दिन में तैयार किया।
दस्तावेज संबंधी सूचना का अलर्ट भी देगा
गौरव ने बताया की एप में किसी तरह की भी डिटेल नहीं ली जाती है। अब इसको आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से विकसित किया जा रहा है। इसमें किसी तरह के कागज या दस्तावेज स्कैन करने पर अपने आप अलर्ट या सूचना मोबाइल पर आएगी। मसलन, एलआइसी का प्रीमियम भुगतान, इनकम टैक्स रिटर्न और गृह कर आदि से जुड़े दस्तावेज स्कैन करने पर उससे संबंधित सूचना भी मिलती है।