कैंसर के लक्षण पहचान कर कराएं जाच
शुरुआत में पता चलने पर संभव है कैंसर का इलाज
जागरण संवाददाता, कानपुर : कैंसर गंभीर और जटिल बीमारी है, प्रारंभिक अवस्था में लक्षणों एवं संकेतों को पहचान कर जांच कराने से समय रहते इसे रोका जा सकता है। शुरुआत में कैंसर का पता चलने पर इलाज संभव है। इधर-उधर भटकने से बेहतर है कि विशेषज्ञों से इलाज कराएं। समय से इलाज कराने से कैंसर को पूरी तरह नियंत्रित करना संभव है।
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कैंसर के संकेत
- शरीर के किसी अंग में असामान्य सूजन या कड़ापन।
- शरीर के तिल, मस्से के आकार या रंग में परिवर्तन होना।
- लंबे समय तक घाव न भरना (नासूर)।
- लगातार बुखार या वजन में कमी।
- 4 हफ्ते से अधिक समय तक अकारण दर्द या टीस होना।
कैंसर के लक्षण
- मुंह के अंदर लाल, भूरे और सफेद चक्कते पड़ना।
- मुंह पूरा न खुलना।
- मुंह या जीभ पर तीन हफ्ते से अधिक समय तक कोई घाव।
- भोजन निगलने में दिक्कत, बदहजमी।
- पेशाब करने में दिक्कत।
- पेशाब के साथ रक्तस्राव।
- तीन सप्ताह से अधिक समय से खांसी।
- आवाज में बदलाव।
- स्तन में सूजन, कड़ापन या खिंचाव।
- मल के साथ रक्त आना।
- 4-6 सप्ताह या अधिक समय तक बार-बार पतले दस्त आना।
- महिलाओं में असमान्य रक्तस्राव।
- मासिक धर्म के पश्चात रक्तस्राव।
- स्तन या शरीर के किसी हिस्से में गांठ निकलना।
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कैंसर के कारण
- फास्ट फूड और जंक फूड का अधिक सेवन।
- पान मसाला और तंबाकू का सेवन।
- सिगरेट, बीड़ी या हुक्का पीना।
- शराब का सेवन।
- बहुत अधिक गर्म खाना खाने से।
- लंबे समय तक अत्यधिक गर्म चाय पीने से।
- कृत्रिम रंगों (बेंजीन) के सेवन से।
- शुगर फ्री टेबलेट के अधिक सेवन से।
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कैंसर के प्रकार
मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, खाने की नली का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, यूरीन ब्लैडर का कैंसर, पेनिस का कैंसर, गॉल ब्लैडर का कैंसर, लिवर का कैंसर, बच्चेदानी का कैंसर, बच्चेदानी का मुंख कैंसर, आंत का कैंसर, पैनक्रियाज का कैंसर, किडनी का कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, हड्डी का कैंसर, ब्रेन ट्यूमर, त्वचा का कैंसर, थायराइड ग्रंथि का कैंसर।
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समस्या और चिकित्सक
मुंह के लिए दंत चिकित्सक, आवाज में बदला के लिए ईएनटी, स्त्री संबंधी समस्याओं के लिए स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, पेट के लिए गैस्ट्रोइंटोलॉजी, पेशाब व प्रोस्टेट के लिए यूरोलाजिस्ट, हड्डी के लिए आर्थोपेडिक सर्जन।
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कैंसर के हिसाब से जरूरी जांच
एक्सरे चेस्ट, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआइ जांच, पीएसए जांच, रक्त की सीबीसी जांच, मेमोग्राफी जांच, कॉल्पोस्कोपी जांच।
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एक नजर में जेके कैंसर अस्पताल
9000 नए कैंसर के मरीज (वर्ष 2018-19 में अगस्त तक )
13000 कैंसर के मरीज (वर्ष 2017-18)
27000 पुराने कैंसर के मरीज
160 मरीज रोज ओपीडी में आते
180 मरीज की रेडियोथेरेपी रोज
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एक्सपर्ट कमेंट
प्रयास यह होने चाहिए कि किसी को कैंसर न होने पाए। कैंसर से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को 45 की उम्र के बाद साल में एक बार नियमित चेकअप कराना चाहिए। कोई जटिलता होने पर विशेषज्ञ से संपर्क करें। विदेशों में कैंसर से पहले की स्टेज के मरीज आते हैं, जबकि अपने यहां स्टेज-3 और 4 के मरीज आते हैं, जिन्हें बचाना मुश्किल होता है।
- डॉ. एमपी मिश्रा, निदेशक जेके कैंसर संस्थान।