अवैध कब्जों को चिह्नित तो कर लिया मगर कोरोना के चलते नहीं कर पा रहे कार्रवाई
अधिकारियों के मुताबिक गोविंदपुरी दादा नगर जीएमसी यार्ड झकरकटी पुल और सीपीसी माल गोदाम के अवैध कब्जों के चिह्नांकन का कार्य हो चुका पूरा परिस्थितियां सामान्य होते ही होगी कार्रवाई सुजातगंज से बाबूपुरवा तक बन रहा मेमू शेड
कानपुर, जेएनएन। इन दिनों रेलवे लाइन के किनारे अवैध कब्जे हटाने की कवायद काफी मंद गति से चल रही है। रेल अधिकारियों ने कब्जे तो चिह्नित कर लिए हैं, लेकिन वे कार्रवाई के लिए कोरोना संक्रमण खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में 48 किमी लंबे रेलवे ट्रैक के किनारे बसी अवैध बस्तियों को ढहाने के आदेश दिए थे, जिसके बाद पूरे देश में इसे लेकर सवाल खड़े हुए। दैनिक जागरण ने भी अभियान चलाकर रेलवे को उनकी जमीनों पर अवैध कब्जों का आईना दिखाया था। तब अधिकारी हरकत में आए और सेंट्रल स्टेशन के आसपास अस्थायी अवैध कब्जों को हटाया गया। हालांकि ट्रैक किनारे अवैध बस्तियों पर अभी रेलवे का बुलडोजर नहीं चल सका है। अधिकारियों के मुताबिक गोविंदपुरी, दादा नगर, जीएमसी यार्ड, झकरकटी पुल और सीपीसी माल गोदाम के अवैध कब्जों को चिह्नित कर लिया गया है। कोरोना को देखते हुए अभी अभियान नहीं चलाया जा रहा है। परिस्थितियां सामान्य होते ही कारवाई की जाएगी।
चिह्नित रेलवे ट्रैक
- गोविंदपुरी से पनकी तक करीब दो किमी.
- जीएमसी यार्ड से गोविंदपुरी स्टेशन तक
- दादा नगर से झांसी रूट पर कंटेनर डिपो तक करीब एक किमी.
- झकरकटी पुल से अनवरगंज स्टेशन तक
- सीपीसी माल गोदाम
दो साल पहले खाली कराई गई थी 15 एकड़ की जगह
सुजातगंज से बाबूपुरवा तक करीब 15 एकड़ जमीन दो वर्ष पूर्व खाली कराई गई थी। अधिकारी बताते हैं कि वर्तमान में यहां मेमू शेड बन रहा है जो शहर के लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
इनका ये है कहना
ट्रैक के किनारे कब्जों को चिह्नित कर लिया गया है। कोरोना संक्रमण के चलते कार्रवाई अभी नहीं की जा रही है। परिस्थितियां सामान्य होते ही ट्रैक कब्जा मुक्त कराए जाएंगे। - हिमांशु शेखर उपाध्याय, डिप्टी सीटीएम