फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का डाटा खंगाल रही आइबी
बीएसएनएल अधिकारी भी अपने सिस्टम पर डाटा खोजने में जुटे, कॉल टर्मिनेटर मशीनें (वीओआइपी) बेचने वालों की भी तलाश
जागरण संवाददाता, कानपुर : विदेश से आने वाली इंटरनेट कॉल को वॉयस कॉल में कनवर्ट करके फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चलाने का खुलासा होने के बाद पुलिस अब इस नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश में जुटी है। मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होने के चलते आइबी और अन्य लोकल एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। वीओआइपी मशीन बेचने वालों की तलाश हो रही है तो बीएसएनएल अधिकारी भी अपने यहां इस सिस्टम का डाटा खंगालने में जुटे हैं।
दो दिन पूर्व बाबूपुरवा पुलिस व क्राइम ब्रांच ने फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे तीन शातिरों शहनवाज, सरफराज व नायब को गिरफ्तार कर तीन कॉल टर्मिनेटर मशीनें, वीओआइपी (वायस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल), फर्जी आइडी पर प्री एक्टिवेटेड सिमकार्ड व अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण बरामद किए थे। तीनों शातिर विदेश से आने वाली इंटरनेट कॉल को वीओआइपी गेटवे के जरिए वॉयस कॉल में कनवर्ट करके लोगों की बात कराकर मुनाफा कमा रहे थे। इन कॉल्स का कहीं कोई लेखाजोखा भी नहीं है। इससे इस सिस्टम का आतंकी गतिविधियों में उपयोग होने की भी आशंका जताई जा रही है। लिहाजा आइबी समेत अन्य खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। पुलिस ने बीएसएनएल से भी लिए गए कनेक्शन का ब्योरा मांगा है। टीम इंटरनेट कॉल्स का डाटा खंगाल रही है।
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शातिरों ने ली थी 10 एमबी की लाइन
इंटरनेट कॉल को कनवर्ट करने के लिए शातिरों ने बीएसएनएल से ही 10 एमबी इंटरनेट लाइन ली हुई थी। खुफिया इसी लाइन के आधार पर डाटा जुटा रही है। इंटरनेट के इस्तेमाल और उसके जरिए भेजे गए डाटा का भी हिसाब निकलवाया जा रहा है।
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दिल्ली के हर्षित टंडन की तलाश में दबिश
शातिरों ने कॉल कनवर्ट करने के लिए वीओआइपी मशीन दिल्ली निवासी हर्षित टंडन से खरीदी थी। पुलिस टीम अब हर्षित की तलाश में जुटी है। हर्षित की गिरफ्तारी के बाद ही मशीनों की बिक्री के ठिकानों व विदेश में बैठे एजेंटों के बारे में जानकारी मिलने की उम्मीद है।