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तीन तलाक : जेल से छूटे पति ने कहा, साली को बेटी बनाकर बीवी हड़पना चाहती है संपत्ति

पति ने ससुराल वालों पर दर्ज कराया मुकदमा कहा जिसे बेटी बता रहे वो ससुर की दूसरी पत्नी की पुत्री।

By AbhishekEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 10:21 AM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 10:47 AM (IST)
तीन तलाक : जेल से छूटे पति ने कहा, साली को बेटी बनाकर बीवी हड़पना चाहती है संपत्ति

कानपुर, जेएनएन। तीन तलाक कानून के तहत कानपुर नगर में दर्ज पहले मुकदमे में नाटकीय मोड़ आ गया है। जेल से छूटे पीडि़ता के पति ने अब पत्नी व सास-ससुर के खिलाफ थाना ग्वालटोली में मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि उसकी संपत्ति हड़पने के लिए ससुरालियों ने नवजात साली को कूटरचित दस्तावेजों में उसकी बेटी घोषित कर दिया और इसी साजिश के तहत उसे तीन तलाक के आरोपों में जेल भिजवा दिया।

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शहर का पहला व प्रदेश का चौथा मुकदमा था

पेशे से रीयल एस्टेट कारोबारी करियप्पा रोड, कैंट निवासी नफीसुल हसन के बेटे साजिद नफीस का निकाह 20 अक्टूबर 2007 को बांसमंडी निवासी पटाखा कारोबारी अंजुम नय्यर की बेटी फारिया नय्यर से हुआ था। पिछले साल 30 जुलाई 2019 को तीन तलाक को लेकर बने नए कानून के बाद 7 अगस्त को चकेरी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ, जिसमें आरोप लगाया गया कि नफीस ने औलाद न होने की वजह से फारिया को तीन तलाक दे दिया है। चूंकि यह तीन तलाक कानून में शहर का पहला और प्रदेश का चौथा मुकदमा था, इसलिए पुलिस ने तत्काल नफीस को जेल भेज दिया।

जेल से छूटने पर दर्ज कराया मुकदमा

21 जनवरी 2020 को नफीस जेल से बाहर आए। 25 जनवरी को उनकी तहरीर पर थाना ग्वालटोली में मुकदमा दर्ज हुआ, जिसमें पत्नी फारिया व ससुरालियों पर सनसनीखेज आरोप लगाए गए हैं। नफीस के मुताबिक पत्नी फारिया की मां शहाना बेगम की मौत साल 2016 में हो गई थी। इसके बाद उसके पिता 65 वर्षीय अंजुम नय्यर ने 2017 में 35 वर्षीय उज्मा से निकाह कर लिया था। 4 मई 2019 को सिविल लाइन स्थित एक अस्पताल में उज्मा को बेटी हुई। बेटी के जन्म के बाद अस्पताल की डॉक्टर व नगर निगम कर्मचारियों के साथ मिलकर जन्म प्रमाण पत्र में फारिया ने नवजात बच्ची को खुद की बेटी घोषित करा लिया।

आरोप : मां नहीं बन सकती है फारिया

नफीस ने मुकदमे में कहा है कि फारिया कभी मां नहीं बन सकती है। बकौल नफीस कई वर्षों तक फारिया मां नहीं बन सकी तो दोनों का मेडिकल कराया, जिसमें यह बात सामने आई। नफीस ने बताया कि उसे यह भी पता चला है कि फारिया ने 2005 में भी लखनऊ के एक डॉक्टर के बेटे से निकाह किया था और बवाल के बाद उससे भी तलाक हो चुका है।

दावा : ससुरालीजन कराना चाहते थे हत्या

नफीस का कहना है कि ससुराल के लोग उसकी हत्या कराना चाहते हैं। जब फरिया के पिता एक और बच्ची के पिता बने तो उन्होंने साजिश रचना शुरू किया। फारिया ने तीन तलाक का मामला दर्ज करा कर उससे किनारा कर लिया। जो बच्ची फारिया की बहन थी वही उसकी बेटी बन गई। अब उसकी हत्या कराकर बेटी को कानूनी रूप से संपति का वारिस बनाने की तैयारी है। इस मामले में अंजुम नैय्यर से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनके मोबाइल से संपर्क नहीं हो सका।

इनका ये है कहना

ग्वालटोली थाने में दर्ज मुकदमा धोखाधड़ी व फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार करने का है। तीन तलाक के मामले में पुलिस चार्जशीट अदालत में लगा चुकी है। नफीस से कहा गया है कि वह अपने दस्तावेज अदालत के सामने पेश करे।

-अनंतदेव, एसएसपी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अब धारा 420 के मुकदमे सीधे नहीं लिखे जाते हैं। उच्चाधिकारी पहले मामलों की जांच कराते हैं और प्रथम दृष्टया मामला सही पाए जाने पर ही एफआइआर होती है। साजिद नफीस के मामले में भी यही हुआ। जांच में पाया गया है कि कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर किसी और को उनकी बेटी बनाने का प्रयास किया गया। यह भी जानकारी मिली है कि उनकी पत्नी ने चकेरी थाने में उनके खिलाफ तीन तलाक का मामला दर्ज कराया है। फिलहाल पुलिस जांच कर रही है।

-रण बहादुर सिंह, प्रभारी निरीक्षक ग्वालटोली 


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