Move to Jagran APP

निस्तारण की जगह बायोमेडिकल कचरे में ढूंढ़ते 'कमाई'

अस्पतालों-संस्थानों में ठेकेदार और कर्मचारी बोतलें-शीशियां बीन कर बेचते, निस्तारण में लापरवाही पर मुकदमे के शासनादेश के बाद भी नहीं बदली तस्वीर

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 02:19 AM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 02:19 AM (IST)
निस्तारण की जगह बायोमेडिकल कचरे में ढूंढ़ते 'कमाई'
निस्तारण की जगह बायोमेडिकल कचरे में ढूंढ़ते 'कमाई'

जागरण संवाददाता, कानपुर :

loksabha election banner

शासन ने भले सोमवार को बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण में लापरवाही पर सरकारी व निजी संस्थानों के जिम्मेदारों पर मुकदमे के सख्त आदेश दिए हैं, मगर इसका रत्ती भर भी असर नहीं पड़ता दिख रहा। शहर के अस्पतालों, चिकित्सीय संस्थानों, नर्सिग होम एवं पैथालॉजी सेंटरों में बायोमेडिकल कचरे का ढेर नहीं हटा है। इसके न हटने के पीछे भी कारण है। यह कि ठेकेदार व मेडिकल पाल्यूशन कंट्रोल कमेटी (एमपीसीसी) के कर्मचारी निस्तारण की जगह इस कचरे में कमाई ढूंढते हैं। इस काम गरीबों की जान से खेलने में भी नहीं हिचकते। कचरे में वे प्लास्टिक व कांच की शीशियां बेचने के लिए एकत्र करवाते हैं। मंगलवार को दैनिक जागरण टीम की पड़ताल की दौरान इसकी तस्वीर सामने आई।

जागरण टीम लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) पहुंची तो न्यू ओपीडी ब्लॉक के पीछे बायोमेडिकल कचरा खुले में बिखरा था। एक महिला समेत पांच कर्मचारी वहां प्लास्टिक की बोतलें, वीगो एवं कांच की शीशियां छांटने में जुटे थे। कैमरा देखते महिला समेत तीन कर्मचारी चल दिए और दूर खड़े होकर सभी टीम के जाने का इंतजार करने लगे। वहां बायोमेडिकल वेस्ट की गंदगी एवं उससे उठती दुर्गध से खड़े रहना मुश्किल था।

---

रिक्शों से जच्चा-बच्चा अस्पताल लेकर जाते कचरा

हृदय रोग संस्थान के पीछे कचरा छांटने के बाद उसे रिक्शों से अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज जच्चा-बच्चा अस्पताल ले जाते हैं। गंदगी वहां कूड़ेदान में फेंकते हैं। प्लास्टिक एवं कांच की शीशियां वहां डप करते हैं जहां इन्हें उठाने के लिए तीन रिक्शे खड़े थे। गेट पर जमा बोतलों व शीशियों को दो कर्मचारी एक बोरे से दूसरे बोरे में रख रहे थे। कैमरा देखते ही मुंह छिपाने लगे।

---

प्रसूता-नवजात को संक्रमण का खतरा

जच्चा-बच्चा अस्पताल के समीप बायोमेडिकल वेस्ट के भंडारण एवं जलाने से हानिकारक गैसें निकलती हैं। ठीक ऊपर ही आपरेशन का थियेटर एवं पोस्ट आपरेटिव वार्ड है। ऐसे में प्रसूता एवं नवजात को संक्रमण होने का खतरा है।

-----

छोटे नर्सिग होम बरत रहे लापरवाही

शहर के छोटे नर्सिग होम और पैथालॉजी सेंटर बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण में लापरवाही बरत रहे हैं। मैकरावर्टगंज ढाल (पीडब्ल्यूडी कॉलोनी) के समीप कचरा फेंकते हैं। जीटी रोड, स्वरूप नगर एवं सर्वोदय नगर के छोटे नर्सिग होम कचरा गोल चौराहे के कूड़ाघर में फेंकते हैं। इसे सूअर, गाय व कुत्ते खाते हैं। उनके दूध व मांस से संक्रमण का खतरा होता है।

इन बीमारियों का खतरा

बायोमेडिकल कचरे के संपर्क से हेपेटाइटिस बी, सी और एचआइवी का संक्रमण का खतरा होता है। खुले में कचरा जलाने से चेस्ट इंफेक्शन, कैंसर, गुर्दा खराब होना, न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी हो सकती हैं।

----

मेडिकल वेस्ट निस्तारण की जिम्मदारी ठेकेदार के पास है। लापरवाही बरतने पर उस पर ही मुकदमा दर्ज कराएंगे।

-प्रो. विनय कृष्णा, निदेशक, लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान।

--------

अस्पताल के बाहर मेडिकल कचरा का भंडारण होता है। इस पर अंकुश के लिए नगर निगम को कई बार पत्र लिखा है। बुधवार को निरीक्षण करेंगे, सुधार नहीं होने पर पुलिस को पत्र लिखेंगे।

- प्रो. आरके मौर्या, प्रमुख अधीक्षक, एलएलआर एवं संबद्ध अस्पताल।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.