व्यापार में घाटा होने पर होजरी व्यापारी ने घर में फांसी लगाकर दी जान
मार्केट में रकम फंसने व बहन की शादी को लेकर तनाव में थे बजरिया के रामबाग में हुई घटना बहन के लौटने पर पता चला।
By AbhishekEdited By: Published: Fri, 29 Mar 2019 12:41 AM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2019 10:22 AM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। रामबाग निवासी 30 वर्षीय होजरी व्यापारी वतन वर्मा ने व्यापार में घाटा होने के कारण गुरुवार दोपहर फांसी लगाकर जान दे दी। बड़ी बहन एकता के घर लौटने पर घटना की जानकारी हुई। पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।
वतन की मां बबली सेंट्रल बैंक की स्वरूपनगर शाखा में चतुर्थ श्रेणी कर्मी हैं। परिजनों ने बताया कि कुछ समय पूर्व वतन ने गांधीनगर में होजरी कारखाना शुरू किया था। मार्केट में लगातार पैसा फंसने के कारण व्यापार में घाटा हो रहा था। साथ ही बहन की शादी के लिए भी पैसों की जरूरत थी। इसी वजह से वतन मानसिक तनाव में थे। गुरुवार को मां के ड्यूटी जाने के बाद बहन भी दवा लेने निकल गईं तब उन्होंने फांसी लगा ली। एकता जब लौटीं तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद देखा। आवाज देने पर भी वतन नहीं बोले तो पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़कर घर में गईं जहां कमरे में कपड़े के सहारे पंखे से भाई का शव लटका देखा। इंस्पेक्टर सुनील वर्मा ने बताया कि परिजनों ने व्यापार में घाटे के चलते आत्महत्या करने की जानकारी दी है।
पहले बेटे ने भी की थी आत्महत्या
मां बबली से इकलौता सहारा भी छिन गया। बच्चे छोटे थे, तब पति हरिश्चंद्र की मौत हो गई थी। किसी तरह उन्होंने दो बेटों और बेटी की परवरिश की। आठ साल पूर्व बड़े बेटे नितिन ने भी फांसी लगाकर जान दे दी थी।
वतन की मां बबली सेंट्रल बैंक की स्वरूपनगर शाखा में चतुर्थ श्रेणी कर्मी हैं। परिजनों ने बताया कि कुछ समय पूर्व वतन ने गांधीनगर में होजरी कारखाना शुरू किया था। मार्केट में लगातार पैसा फंसने के कारण व्यापार में घाटा हो रहा था। साथ ही बहन की शादी के लिए भी पैसों की जरूरत थी। इसी वजह से वतन मानसिक तनाव में थे। गुरुवार को मां के ड्यूटी जाने के बाद बहन भी दवा लेने निकल गईं तब उन्होंने फांसी लगा ली। एकता जब लौटीं तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद देखा। आवाज देने पर भी वतन नहीं बोले तो पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़कर घर में गईं जहां कमरे में कपड़े के सहारे पंखे से भाई का शव लटका देखा। इंस्पेक्टर सुनील वर्मा ने बताया कि परिजनों ने व्यापार में घाटे के चलते आत्महत्या करने की जानकारी दी है।
पहले बेटे ने भी की थी आत्महत्या
मां बबली से इकलौता सहारा भी छिन गया। बच्चे छोटे थे, तब पति हरिश्चंद्र की मौत हो गई थी। किसी तरह उन्होंने दो बेटों और बेटी की परवरिश की। आठ साल पूर्व बड़े बेटे नितिन ने भी फांसी लगाकर जान दे दी थी।
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