Lockdown Effect in kanpur : स्कूल बंद होने और वर्क फ्रॉम होम से होजरी उद्योग ने फिर पकड़ी रफ्तार
कानपुर में लोअर बरमूडा और टीशर्ट की बिक्री बढ़ने से लॉकडाउन के पहले हो रहे कारोबार का 95 फीसद तक मांग पहुंच गई है।
कानपुर, जेएनएन। शहर में तकरीबन 50 हजार लोगों को रोजगार देने वाले होजरी उद्योग ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। तकरीबन 95 फीसद कारोबार पटरी पर लौट आया है। जो पांच फीसद का अंतर है वह उपकरण और कच्चे माल में कमी आने की वजह से है। कारोबारियों के मुताबिक अगर ये सही हो जाए तो कारोबारी पहले से ज्यादा उत्पादन कर सकते हैं।
लॉकडाउन के दौरान लोग घर में रहे। अनलॉक के बाद स्कूल बंद होने और वर्कफ्रॉम होम की वजह से भी लोग जरूरी काम से ही घर से निकल रहे हैं। ऐसे में लोअर, बरमूडा और टीशर्ट की मांग पहले के मुकाबले 25 फीसद बढ़ी है। कारोबारियों के मुताबिक लॉकडाउन के वक्त गर्मी का स्टॉक भरा था। मई में अनलॉक होने के बाद 15 दिन में ये खत्म हो गया। इसके साथ-साथ तैयार हो रहा माल भी बिकता रहा। कारोबारियों के मुताबिक चंडीगढ़ से मशीनों की सुई और हिमाचल से धागा आने में कुछ समस्याएं हैं। इनकी आवक ठीक हो जाए तो पहले से ज्यादा कारोबार होगा।
- अंडरगारमेंट निर्माण के मामले में त्रिपुरा और कोलकाता के बाद कानपुर तीसरे नंबर पर है। कोरोना के बावजूद जिस तरह से कानपुर ने होजरी उद्योग में तेजी पकड़ी है। उससे यहां की स्थिति सबसे अच्छी है। -मनोज बंका, अध्यक्ष, नार्दन इंडिया होजरी मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन।
- होजरी की बढ़ती मांग को बढ़ते देखकर चमनगंज, बेकनगंज, कर्नलगंज में रेडीमेड कपड़े बनाने वाले तमाम लोग अब होजरी उद्योग की ओर मुड़ गए हैं। दूसरी मंडियों के कस्टमर भी कानपुर आ रहे हैं। -प्रमोद सुराना, महामंत्री, नार्दन इंडिया होजरी मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन।
कानपुर का होजरी उद्योग एक नजर में
- 500 निटिंग यूनिट और 80 प्रोसेस हाउस हैं।
- 2000 से ज्यादा सिलाई कारीगर हैं।
- 50 हजार से ज्यादा लोग रोजगार पाते हैं।
- 250 करोड़ रुपये का वार्षिक कारोबार होता है।
- 25 फीसद लोअर, बरमूडा, टीशर्ट की मांग बढ़ी।