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फूलों में खोज निकाला मधुमेह व पथरी का इलाज, इससे बनी दवाओं से नहीं होगा साइड इफेक्ट

दयानंद गल्र्स पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में रसायन विभाग की छात्राओं ने अध्ययन कर निकाला निष्कर्ष।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 02:57 PM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 02:57 PM (IST)
फूलों में खोज निकाला मधुमेह व पथरी का इलाज, इससे बनी दवाओं से नहीं होगा साइड इफेक्ट

कानपुर, [जागरण स्पेशल] । वैसे तो फूलों के अलग-अलग गुण है, कुछ फायदेमंद तो कुछ नुकसानदेह भी हैं। कुछ फूलों से तो एलर्जी तक हो जाती हैं। इन्हीं फूलों में दो किस्म के फूल ऐसे भी हैं, जो आपको कोलेस्ट्राल, मधुमेह, बवासीर, पथरी व माउथ अल्सर जैसी बीमारियों से छुटकारा दे सकते हैं। इन फूलों के तेल से बनने वाली हर्बल दवाएं पूरी तरह सुरक्षित होंगी और उनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होगा। 

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गुड़हल व गेंदे के फूल से बनेंगी दवाएं

गुड़हल व गेंदे के फूल से अब कोलेस्ट्राल, मधुमेह, बवासीर, पथरी व माउथ अल्सर की दवाएं बनाई जा सकेंगी। इन फूलों से तेल के रूप में निकलने वाले एल्कोलाइड, टर्पीनोइड्स व फैटी एसिड समेत दूसरे कंपोनेंट से दवाएं बनाई जा सकती हैं। दयानंद गल्र्स पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में रसायन विभाग की एमएससी छात्राओं ने अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला है।

एक वर्ष के अध्ययन के दौरान करीब 20 दिन तक प्रयोगशाला में इन कंपोनेंट का विश्लेषण करने पर यह तथ्य सामने आए। इनसे बनने वाली दवाओं का साइड इफेक्ट भी नहीं होगा। छात्राओं ने ताजे व मंदिर में चढ़े हुए फूलों के गुणों को परखा। इनका प्रयोग रंग बनाने में भी किया जाता है। चूंकि यह प्राकृतिक रंग होते हैं इसलिए त्वचा पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है।

देहरादून भेजा शोध कार्य

छात्राओं ने अपना यह शोध कार्य 'हर्बल रिसर्च एंड डेवलमेंट इंस्टीट्यूटÓ देहरादून भेजा है। विभागाध्यक्ष डा. रचना प्रकाश ने बताया कि हर्बल दवाओं के क्षेत्र में तेजी के साथ अनुसंधान हो रहे हैं। फूल व पत्तियों से दवाएं बनाई जा सकती हैं, यह प्रमाणित किया जा चुका है। दिव्यांशी, मनीषा पॉल, श्रुति कपूर, कोपल, पूर्णिमा द्विवेदी, पूर्णिमा सिंह, अंतरा, निधि, तैयब्बा गुल, जया आदि ने फूलों पर शोध कर निष्कर्ष निकाला है।

फूलों से निकलने वाले इन कंपोनेंट से बनती हैं दवाएं

डॉ. अर्चना दीक्षित ने बताया कि गुड़हल के तेल में एल. एस्कोर्बिक एसिड, एन्थोसाइनिन एसिड, बीटाकैरोटीन समेत अन्य फैटी एसिड होते हैं। गेंदे के फूल से निकलने वाले तेल में क्योरेसिटीन, ग्लूकोसाइड-ई व डाईग्लूकोसाइड कंपोनेंट होते हैं। यह सभी कंपोनेंट दवाएं बनाने में काम आता है। इस शोध कार्य में डॉ. शशि अग्रवाल व डॉ. अलका श्रीवास्तव ने भी छात्राओं का मार्गदर्शन किया।


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