पहले दिन हुई 27 मुकदमों की सुनवाई
जागरण संवाददाता कानपुर जिला न्यायालय में मंगलवार को कुछ बंदिशों के साथ न्यायिक कार्य की शु
जागरण संवाददाता, कानपुर : जिला न्यायालय में मंगलवार को कुछ बंदिशों के साथ न्यायिक कार्य की शुरुआत हुई। पहले दिन 27 मुकदमे सुने गए। न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता और कर्मचारी सभी सुरक्षा के मानकों से गुजर कर कोर्ट पहुंचे। सुनवाई के दौरान लाइट जाने पर कुछ देर के लिए मोबाइल से सुनवाई हुई। जिला जज अशोक कुमार सिंह ने निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
कचहरी में सुबह 9:30 बजे से ही न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं और कर्मचारियों के आने का क्रम शुरू हो गया था। दीवानी न्यायालय परिसर के शताब्दी प्रवेश द्वार पर स्वयं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रवींद्र अग्रवाल मौजूद थे। जिन अधिवक्ताओं के मुकदमों की सुनवाई होनी थी उनके सीओपी कार्ड की जाच हुई। इसके बाद अधिवक्ता की थर्मल स्क्रीनिंग और साथ ले जा रही फाइल व अन्य सामान को सैनिटाइज किया गया। इसी तरह जिला जज पोर्टिको से न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों को भी जाच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही न्यायालय परिसर में प्रवेश दिया गया। जिला जज ने दो मामलों की सुनवाई की। इसी तरह अधीनस्थ न्यायालयों में भी 25 जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई हुई। बुधवार को आठ जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई होगी।
बार एसोसिएशन के महामंत्री कपिल दीप सचान ने बताया कि सिविल के जिन मुकदमों की मंगलवार को सुनवाई होनी थी उसमें 23 जुलाई और फौजदारी के मुकदमों में 23 जून की सामान्य तारीख दी गई है। महामंत्री ने बताया कि प्रथम दिन होने के चलते लोगों में कुछ भ्रम था जिसे उनके पदाधिकारियों अश्वनी आनंद, अभिषेक पाडेय और शभू मिश्रा ने दूर किया। बार एसोसिएशन और शताब्दी प्रवेश द्वार पर नोटिस चस्पा की गई थी। अधिवक्ताओं ने अपने चेंबर खोले हालाकि दोपहर होते-होते अधिकतर चेंबर बंद हो गए थे। सीमित संख्या में स्टाप वेंडर और टाइपिस्टों ने भी अपनी दुकानें खोलीं। ऑनलाइन सुनवाई में शामिल हुए अधिवक्ता शशिकात शुक्ला ने बताया कि सुनवाई का तरीका सुरक्षापूर्ण था। उनके लिए यह भी एक अनुभव था। उधर, बार एसोसिएशन के नेतृत्व में अधिवक्ता बलजीत यादव ने संस्था और अधिवक्ताओं के चेंबरों को सैनिटाइज कराया।
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हेल्पलाइन पर पूछे सवाल, जमानत कैसे करें दाखिल
कानपुर : अधिवक्ताओं और वादकारियों के लिए बनायी गई हेल्पलाइन नंबरों पर खूब कॉल आए। पैरालीगल वालेंटियर्स विकास श्रीवास्तव और भावक सिंह के पास अधिवक्ताओं और वादकारियों की करीब 150 कॉल पहुंची। इसमें ज्यादातर कॉल जमानत दाखिल करने को लेकर पूछी गई थीं। लोगों ने सिविल केस के बारे में भी जानकारी मागी।