अंगों के सौदागर झांसा देकर कराते थे अस्पतालों में स्वास्थ्य परीक्षण
किडनी सौदागर इतने शातिर हैं कि अस्पताल में चेकअप कराने के बाद पीड़ित को कर्जदार बना देते थे।
By AbhishekEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 02:58 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 02:58 PM (IST)
v>जागरण संवाददाता, कानपुर : किडनी सौदागर इतने शातिर हैं कि अस्पताल में चेकअप कराने के बाद पीड़ित को कर्जदार बना देते थे। अस्पताल में हुए खर्च के रूप में 50 हजार से एक लाख रुपये तक का बिल बनवाकर पीड़ित को थमा देते थे और वसूली के लिए दबाव बनाते थे। मुकदमा लिखाने की धमकी पर मजबूर होकर पीड़ित किडनी देने को राजी हो जाता था।
मुकदमा लिखाने वाली बांदा की महिला ने बताया कि आरोपित जुनैद 25 नवंबर को मेड की नौकरी लगवाने के लिए गाजियाबाद ले गया था। अगले दिन अस्पताल ले गया और खून का नमूना लिया। एक मशीन के अंदर लिटाकर चेकअप कराया। पूछा तो बोला कि जिनके यहां काम करना है, वे बड़े लोग हैं। कोई बीमारी होगी तो नही रखेंगे इसलिए जांच करा रहे हैं। इसके बाद आधार कार्ड लेकर कहा कि मुस्लिम महिला बनने पर काम मिलेगा। आधार बदलवाना पड़ेगा। इसके बाद अंगूठा लगवाया, फोटो खींची और कार्निया स्कैन कराई तभी वह फोन पर किडनी बदलवाने की बात करने लगा। महिला को पूरा माजरा समझ में आया और वह पति के साथ लौट आईं। आरोप है कि तबसे वह राजकुमार राव के साथ मिलकर किडनी देने के लिए दबाव बनाने लगा। मना करने पर बोला कि अस्पताल में चेकअप कराने पर 50 हजार रुपये खर्च आया है। वह लौटाओ, नहीं तो पूरे परिवार को जान से मार देंगे। अन्य पीड़ितों ने भी यही जानकारी दी। एक ने कहा कि उसे चेकअप में एक लाख रुपये खर्च होने की बात कहकर रकम मांगी गई। इतने रुपये नहीं थे, इसलिए किडनी देने पर राजी हो गया। इंस्पेक्टर बर्रा अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपित गरीबों को फंसाने के लिए कर्ज दिखाकर, परिवार को मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर प्रताड़ित करते थे। मुकदमे में धाराएं लगाई गई हैं।
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