फर्रुखाबाद में एक प्रधानाध्यापक ने ऐसा करिश्मा कर दिखाया, जानकर हो जाएंगे हैरान
ह शमशाबाद ब्लॉक के गांव हैबतपुर गढ़यिा प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने चित्रकला और पौधरोपण करने में अपनी पहचान बनाई है। इस पहचान से वह प्रदेश स्तर पर सम्मानित हो चुके हैं। दो जुलाई 2009 को उन्होंने नौकरी ज्वाइन की थी।
फर्रुखाबाद, जेएनएन। जनपद के एक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने ऐसा करिश्मा कर दिखाया कि आप जानकर हैरान हो जाएंगे। इसके लिए उनको कई बार प्रदेश स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है।शमसाबाद ब्लाक के गढ़यिा हैवतपुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक अर्पण शाक्य को चित्रकारी का भी शौक है। अपने विद्यालय की दीवारें खुद रंगकर तैयार की हैं।
उनके द्वारा बनाए गए चित्रों से बच्चों को पढ़ाई में सहायता मिल रही है। बच्चे हरियाली का महत्व समझें इसके लिए खुद के खर्च से विद्यालयों में गमलों में पौधे लगाकर सजाया है। चित्रकार की हैसियत से अर्पण शाक्य को कई बार प्रदेश स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है।
चित्रकला के हैं शौकीन
शहर के टाउनहॉल तहसील निवासी नगर पालिका से सेवानिवृत्त स्टेनो लाखन सिंह शाक्य के 35 वर्षीय पुत्र अर्पण शाक्य इस समय किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वह शमशाबाद ब्लॉक के गांव हैबतपुर गढ़यिा प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने चित्रकला और पौधरोपण करने में अपनी पहचान बनाई है। इस पहचान से वह प्रदेश स्तर पर सम्मानित हो चुके हैं। दो जुलाई 2009 को उन्होंने नौकरी ज्वाइन की थी। हालांकि वह नौकरी से पहले ही चित्रकला में माहिर थे। नौकरी मिलने के बाद उन्होंने अपनी निजी व्यवस्था से स्कूल चमका दिया।
फर्श बनवाई और दीवारों को चित्रकला के माध्यम से सजा दिया। हालांकि अब स्कूल फाइव स्टार में आ चुका है, लेकिन वह अभी भी पौधे लगाकर स्कूल को हरा भरा कर रहे हैं। वह बताते हैं उन्होंने जिलाधिकारी समेत कई अफसरों के फोटो भी बनाए हैं। खाली समय होने पर घर पर बाल पेंटिंग करते हैं। संस्कार भारती में कला विद प्रमुख की जिम्मेदारी निभा रहे अर्पण शाक्य ने बच्चों को आसानी से पढ़ाई समझ आ सके, इसके लिए उन्होंने शैक्षिक चित्र बनाए हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 से वह बाल पेंटिंग करते चले आ रहे हैं। उस समय स्कूल में बाल पेंटिंग होती भी नहीं थी। वह कई बार सम्मानित हो चुके हैं।