नहीं भटकेंगी प्रसूताएं, नए मैटरनिटी विंग में मिलेगी एचडीयू और इमरजेंसी की सुविधा
जच्चा बच्चा अस्पताल के नजदीक तैयार हुई विंग, मार्च तक होगी चालू, उपकरणों के लिए मिला बजट।
By Edited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 11:36 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 11:25 AM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जच्चा-बच्चा अस्पताल में अत्यधिक गंभीर प्रसूताओं को इलाज की और बेहतर सुविधा मिल सकेगी। अस्पताल के नए मैटरनिटी विंग में एचडीयू और इमरजेंसी की सुविधा भी रहेगी। उसके लिए नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) की ओर से करीब डेढ़ करोड़ रुपये का बजट जारी हो गया है। इनसे उपकरण खरीदे जाएंगे।
यह सुविधा मार्च तक शुरू हो जाएगी। इस संबंध में सीएमओ डॉ. अशोक कुमार शुक्ला ने बताया कि मैटरनिटी विंग की ओर से उपकरणों और एचडीयू के लिए बजट जारी हो गया है। इसे जल्द से जल्द अस्पताल को हैंडओवर कर दिया जाएगा। क्या आ रही दिक्कत जच्चा-बच्चा अस्पताल में रोजाना 250-280 रोगी आते हैं। इनमें आधे से अधिक मामले प्रसव के होते हैं। अस्पताल में करीब 200 रोगियों के भर्ती होने की सुविधा है। अत्याधिक जटिल केस या गंभीर ऑपरेशन के मरीजों को पीओपी वार्ड में रखा जाता है। अगर मामला और ज्यादा गंभीर हो गया तो उन्हें आइसीयू में शिफ्ट करना पड़ता है। कितने बेड का बनेगा एचडीयू एचडीयू में 20 बेड रहेंगे। करीब 95 लाख रुपये के उपकरण आएंगे, इसमें मॉनीट¨रग सिस्टम, वेंटीलेटर आदि शामिल हैं। इमरजेंसी के लिए चार बेड होंगे।
छह डॉक्टरों की होगी नियुक्ति
एचडीयू के लिए एनएचएम की ओर से छह डॉक्टर, 20 स्टाफ नर्स की नियुक्ति की जाएगी। बेड के लिए मिले 1.80 करोड़ मैटरनिटी विंग में बेड और अन्य फर्नीचर के लिए एनएचएम की ओर से 1.80 करोड़ रुपये भी मिल गए हैं। उनसे जल्द ही खरीदारी कर ली जाएगी। कितने में बनकर हुआ तैयार मैटरनिटी विंग की लागत करीब 23 करोड़ रुपये आई है। यह 2016 से बनना चालू हुआ था। पीडब्ल्यूडी की ओर से निर्माण किया गया।
यह सुविधा मार्च तक शुरू हो जाएगी। इस संबंध में सीएमओ डॉ. अशोक कुमार शुक्ला ने बताया कि मैटरनिटी विंग की ओर से उपकरणों और एचडीयू के लिए बजट जारी हो गया है। इसे जल्द से जल्द अस्पताल को हैंडओवर कर दिया जाएगा। क्या आ रही दिक्कत जच्चा-बच्चा अस्पताल में रोजाना 250-280 रोगी आते हैं। इनमें आधे से अधिक मामले प्रसव के होते हैं। अस्पताल में करीब 200 रोगियों के भर्ती होने की सुविधा है। अत्याधिक जटिल केस या गंभीर ऑपरेशन के मरीजों को पीओपी वार्ड में रखा जाता है। अगर मामला और ज्यादा गंभीर हो गया तो उन्हें आइसीयू में शिफ्ट करना पड़ता है। कितने बेड का बनेगा एचडीयू एचडीयू में 20 बेड रहेंगे। करीब 95 लाख रुपये के उपकरण आएंगे, इसमें मॉनीट¨रग सिस्टम, वेंटीलेटर आदि शामिल हैं। इमरजेंसी के लिए चार बेड होंगे।
छह डॉक्टरों की होगी नियुक्ति
एचडीयू के लिए एनएचएम की ओर से छह डॉक्टर, 20 स्टाफ नर्स की नियुक्ति की जाएगी। बेड के लिए मिले 1.80 करोड़ मैटरनिटी विंग में बेड और अन्य फर्नीचर के लिए एनएचएम की ओर से 1.80 करोड़ रुपये भी मिल गए हैं। उनसे जल्द ही खरीदारी कर ली जाएगी। कितने में बनकर हुआ तैयार मैटरनिटी विंग की लागत करीब 23 करोड़ रुपये आई है। यह 2016 से बनना चालू हुआ था। पीडब्ल्यूडी की ओर से निर्माण किया गया।
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