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एचबीटीयू की एमसीए फीस 80 हजार रुपये बढ़ी

एमसीए के साथ बीटेक एमटेक की फीस भी बढ़ाई गई प्रत्येक वर्ष दस फीसद फीस में इजाफा किए जाने पर लगी मुहर

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Feb 2019 01:47 AM (IST)Updated: Tue, 26 Feb 2019 01:53 AM (IST)
एचबीटीयू की एमसीए फीस 80 हजार रुपये बढ़ी
एचबीटीयू की एमसीए फीस 80 हजार रुपये बढ़ी

जागरण संवाददाता, कानपुर : हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) ने बीटेक, एमसीए व एमटेक फीस बढ़ा दी है। कार्यपरिषद की बैठक में इस पर मुहर लगा दी गई। फीस में सर्वाधिक बढ़ोतरी एमसीए में की गई है। एमसीए की फीस 40 हजार से बढ़ाकर एक लाख 20 हजार रुपये कर दी गई है। इस प्रकार कोर्स की फीस 80 हजार रुपये बढ़ाई गई है। बीटेक की फीस 97 हजार 200 रुपये से बढ़ाकर एक लाख 35 हजार रुपये प्रतिवर्ष कर दी गई है। एमटेक की फीस एक लाख 10 हजार से बढ़ाकर एक लाख 20 हजार कर दी गई है। एमबीए की फीस पहली बार एक लाख 20 हजार रुपये निर्धारित की गई है।

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फीस बढ़ाने के साथ प्रत्येक वर्ष इसमें दस फीसद का इजाफा भी किए जाने पर कार्यपरिषद ने अपनी मुहर लगा दी है। फीस बढ़ाने के अलावा छात्रावास से लेकर विश्वविद्यालय परिसर तक छात्रों के आने जाने के लिए बस चलाने का निर्णय भी लिया गया। बस से आने जाने के लिए वेस्ट कैंपस के छात्रों के छात्रावास की फीस 25 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपये कर दी गई है जबकि विश्वविद्यालय के एकेडमिक ब्लॉक के समीर ईस्ट कैंपस के छात्रावास में रहने वाले छात्रों की फीस 25 हजार रुपये ही रहेगी। कुलपति प्रो. एनबी सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में एकेटीयू कुलपति प्रो. विनय पाठक, प्रति कुलपति करुणाकर सिंह, आइआइटी कानपुर से प्रोफेसर सुमित गांगुली, मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी इलाहाबाद के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी व एचबीटीयू कुलसचिव प्रो. मनोज शुक्ला समेत अन्य सदस्य मौजूद थे।

शिक्षकों के आवास का किराया भी बढ़ा :

कार्यपरिषद की बैठक में शिक्षकों के आवास का किराया बढ़ाने पर भी मुहर लगा दी गई। अभी तक वेस्ट कैंपस के आवासीय सेक्टर में रहने वाले शिक्षक 327 रुपये प्रतिमाह किराया देते हैं जिसे बढ़ाकर 1400 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। इसके अलावा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रज्जन कुमार व संतोष कुमार के दो इंक्रीमेंट रोककर उन्हें बहाल कर दिया गया है। अनीता पुरवार को मूल बेसिक पद पर डिमोट करते हुए उन्हें भी बहाल करने का निर्णय लिया गया।


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