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एचबीटीयू और जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज अब बनाने जा रहे हैं इस तरह का उपकरण, जानिए खासियत

एचबीटीयू के मैकेनिकल इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विशेषज्ञों ने पिछले तीन वर्षों में कई उपकरण तैयार किए हैं जिनका उपयोग स्वास्थ्य क्षेत्र में कारगर साबित होगा। इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष ने ओपीडी सिस्टम बनाया है जिसमें मरीजों के डेटा को सुरक्षित रखा जा सकता है।

By Akash DwivediEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 04:04 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 04:04 PM (IST)
एचबीटीयू और जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज अब बनाने जा रहे हैं इस तरह का उपकरण, जानिए खासियत
विश्वविद्यालय और संस्थान के बीच जल्द ही करार किया जाएगा

कानपुर, जेएनएन। तकनीक के सहारे चिकित्सीय सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने की तैयारी है। हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) और जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज मिलकर नए चिकित्सा उपकरण विकसित करेंगे, जिससे इलाज भी आसान होगा और मरीजों की सहूलियतें बढ़ेंगी। इस काम के लिए विश्वविद्यालय और संस्थान के बीच जल्द ही करार किया जाएगा। इसके लिए बातचीत जारी है। 

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विभागाध्यक्ष ने ओपीडी सिस्टम बनाया 

एचबीटीयू के मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विशेषज्ञों ने पिछले तीन वर्षों में कई उपकरण तैयार किए हैं, जिनका उपयोग स्वास्थ्य क्षेत्र में कारगर साबित होगा। इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष ने ओपीडी सिस्टम बनाया है, जिसमें मरीजों के डेटा को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसे न सिर्फ अस्पताल बल्कि दूसरी जगह भेजना आसान होगा। रोगी के अंगूठे के निशान को देखकर उसकी पुरानी डिटेल सामने आ जाएगी। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर जितेंद्र भाष्कर थ्री डी प्रिंटिंग तकनीक पर काम कर रहे हैं। उन्होंने सिटी स्कैन और एमआरआइ की रिपोर्ट के आधार पर समस्या का थ्री डी रूप तैयार किया है। पेट, सिर, दिल, फेफड़े आदि के अंदर का ट्यूमर बिल्कुल हूबहू सामने नजर आएगा।

गंभीर रोगियों का हो सकेगा इलाज

जबड़ा या फिर घुटनों की कटोरी का मॉडल भी विकसित किया। इस तकनीक का इस्तेमाल एम्स नई दिल्ली और दक्षिण भारत के कुछ अस्पतालों में गंभीर रोगियों पर किया जा रहा है। इससे इलाज की प्लानिंग आसान हो जाती है। एचबीटीयू के अधिकारियों ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सर्जरी, आर्थोपैडिक और स्त्री रोग विभाग से संपर्क किया है। प्रो. भाष्कर के मुताबिक अभी बातचीत चल रही है, जल्द ही एमओयू किया जा सकता है।


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