लोकसभा चुनाव में कर्मचारी देंगे वादाखिलाफी का जवाब : हरि किशोर
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा पेंशन अंशदान की धनराशि सरकार चाहे जिस मद में लगाए लेकिन कर्मचारियों को तो उनकी पेंशन चाहिए।
कानपुर (जेएनएन)। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने कहा है कि पेंशन के मुद्दे पर सरकार अपने वादे से मुकर रही है। अब हमारी बारी है अगर पुरानी पेंशन बहाल न हुई तो लोकसभा चुनाव में इसका जवाब दिया जाएगा। एक करोड़ कर्मचारी और उनके परिवार चुनाव से पूर्व कोई निर्णय ले सकते हैं।
फर्रुखाबाद में गुरुवार को दैनिक जागरण से वार्ता में हरि किशोर तिवारी ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अब यह साबित हो चुका है कि सरकार ने अभी तक एनपीएस की धनराशि का कहीं कोई इन्वेस्टमेंट किया ही नहीं है। बीते दस साल में अगर सरकार आज तक कोई सिस्टम नहीं बना सकी, तो रिटायर होने वाले कर्मचारियों को पेंशन की धनराशि कहां से मिलेगी। पेंशन अंशदान की धनराशि सरकार चाहे जिस मद में लगाए। शेयर बाजार में लगाए या किसी अन्य मद में, कर्मचारी को तो पेंशन चाहिए।
उन्होंने कहा कि चुनाव से पूर्व जब कर्मचारियों ने नोटा का उपयोग करने का ऐलान किया था, तब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री से बात करने के बाद पुरानी पेंशन बहाली का वादा किया था। इस बैठक की मध्यस्थता वर्तमान उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने की थी। वर्तमान मुख्यमंत्री और तत्कालीन गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ ने भी कर्मचारी संगठनों के पक्ष में केंद्र सरकार को जो पत्र लिखा था, उसकी प्रति भी हमारे पास है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार आउटसोर्सिंग और संविदा भर्ती के नाम पर जिस ढांचे पर प्रशासनिक व्यवस्था को ले जा रही है, उससे आने वाले समय में कर्मचारी पांच हजार मासिक फिक्स सैलेरी पर नियुक्त होंगे और इतने पर सेवानिवृत्त हो जाएंगे। हम इस प्रक्रिया का विरोध करेंगे और आठ अक्टूबर को लखनऊ में रैली का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद भी सरकार नहीं चेती तो हड़ताल और तालाबंदी के आंदोलन पर विचार किया जाएगा।