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गंगा स्वच्छता के 'महायज्ञ' में कानपुर की पहली 'आहुति'

पूरे देश के लिए आस्था की धारा गंगा को स्वच्छ करने के लिए चल रही कवायद शनिवार को शहर में सफलता के पहले मुकाम पर पहुंची। गंगा स्वच्छता के महायज्ञ में कानपुर ने पहली आहुति दर्ज कराई। पतित पावनी को दूषित करने के लिए बदनाम सीसामऊ नाले का एक हिस्सा बकरमंडी ढाल के पास बंद कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Jun 2018 01:41 AM (IST)Updated: Sun, 10 Jun 2018 12:56 PM (IST)
गंगा स्वच्छता के 'महायज्ञ' में  कानपुर की पहली 'आहुति'
गंगा स्वच्छता के 'महायज्ञ' में कानपुर की पहली 'आहुति'

जागरण संवाददाता, कानपुर : पूरे देश के लिए आस्था की धारा गंगा को स्वच्छ करने के लिए चल रही कवायद शनिवार को शहर में सफलता के पहले मुकाम पर पहुंची। गंगा स्वच्छता के महायज्ञ में कानपुर ने पहली आहुति दर्ज कराई। पतित पावनी को दूषित करने के लिए बदनाम सीसामऊ नाले का एक हिस्सा बकरमंडी ढाल के पास बंद कर दिया गया है। इससे गंगा में सीधे जा रहा आठ करोड़ लीटर दूषित पानी जाना रुक गया। अब इंतजार अक्टूबर तक रिवर साइड पावर हाउस के पास नाले का दूसरा हिस्सा बंद किए जाने का है, जिसका काम चल रहा है। यह हिस्सा बंद होते ही बाकी करीब छह करोड़ लीटर दूषित पानी भी गंगा में जाने से रुक जाएगा। नाला बंद करने का काम पिछले साल जुलाई से शुरू हुआ था।

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सीसामऊ नाला बंद करने को लेकर दैनिक जागरण लगातार मुहिम चला रहा है, जो अब रंग लाने लगी है। सीसामऊ नाले से रोज गंगा में करीब 14 करोड़ लीटर सीवर का पानी एक धारा से गिर रहा था। शनिवार को नमामि गंगे के तहत जल निगम ने बकरमंडी ढाल के पास से गंगा में रोज जाने वाले आठ करोड़ लीटर दूषित पानी को रोककर अब ट्रीट होने के लिए राखी मंडी पंपिंग स्टेशन के माध्यम से बिनगवां सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भेज दिया है। बकरमंडी ढाल के पास गेट लगाकर नाला बंद कर दिया है।

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25 मोहल्लों के दूषित पानी से निजात

अब लगभग 25 मोहल्लों का दूषित पानी गंगा में जाने की जगह बिनगवां एसटीपी में ट्रीट होकर पांडुनदी में गिरेगा। अक्टूबर में जब रिवर साइड पावर हाउस के पास सीसामऊ नाले का दूसरा हिस्सा बंद हो जाएगा तो इस नाले के साथ ही परमियापुरवा, नवाबगंज, परमट, म्योर मिल और गुप्तार घाट नाला भी नदी में गिरने से रुक जाएगा।

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अब आधा रह गया वेग

मैगजीन घाट व परमट घाट के बीच में सीसामऊ नाला पूरे वेग से गिरता है। गंगा में मछलियां पकड़ रहे कटरी के राकेश व श्याम ने बताया कि अब उतने वेग से दूषित पानी नहीं गिर रहा है, आधा रह गया है। जल निगम के परियोजना प्रबंधक घनश्याम द्विवेदी ने बताया, नाला का एक हिस्सा बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि एक गेट बरसाती पानी निकालने के लिए व सिल्ट सफाई के लिए लगना है। वह काम कल पूरा हो जाएगा। महाप्रबंधक आरके अग्रवाल ने बताया कि बचे नाले को बंद करने का काम भी तेजी से चल रहा है जो समय पर पूरा हो जाएगा।

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इन घाटों को मिलेगी राहत

सीसामऊ नाला बंद होने से भैरोघाट, मैगजीन घाट, रानी घाट और अस्पताल घाट में गंगा दूषित नहीं होगी।

पाइप डालते समय लगा जाम

बकरमंडी ढाल पर पाइप डालने के दौरान आधा रास्ता बंद होने के चलते बजरिया और उसके आस पास थोड़ी देर के लिए वाहनों का रेला लग गया। पाइप पड़ने के बाद जाम खत्म हो गया।

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एक नजर में सीसामऊ नाला

नाला बना - वर्ष 1892

पहले गिरता था दूषित पानी - तीन एमएलडी

अभी गिर रहा था - करीब 14 करोड़ लीटर

नाले की लंबाई- आठ किमी

नाले की चौड़ाई- छह मीटर

आबादी जुड़ी - 15 लाख

जुड़े मोहल्ले - 40


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