Move to Jagran APP

डॉ. आरती लाल जीएसवीएम मेडिकल कालेज की प्राचार्य, डॉ. नवनीत गए कन्नौज

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य पद को लेकर काफी दिनों से चल रही घमासान का मंगलवार देर रात पटाक्षेप हो गया।याचिका खारिज हुई और अब शासन ने उन्हें यहां तैनात कर दिया।

By Edited By: Published: Wed, 10 Oct 2018 01:40 AM (IST)Updated: Wed, 10 Oct 2018 11:00 AM (IST)
डॉ. आरती लाल जीएसवीएम मेडिकल कालेज की प्राचार्य, डॉ. नवनीत गए कन्नौज
कानपुर(जागरण संवाददाता) जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य पद को लेकर काफी दिनों से चल रही घमासान का मंगलवार देर रात पटाक्षेप हो गया। शासन ने देर रात आदेश जारी कर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज का प्राचार्य डॉ. आरती दवे लालचंदानी को बना दिया। जबकि जीएसवीएम के प्राचार्य डॉ. नवनीत कुमार का स्थानांतरण राजकीय मेडिकल कॉलेज, कन्नौज कर दिया। इस संबंध में डॉ. नवनीत से बात नहीं हो सकी।
देर रात महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. केके गुप्ता का आदेश मिलने के बाद प्राचार्य कार्यालय खुलवाकर योगदान डा. आरती ने पदभार ग्रहण कर लिया। साथ ही एलएलआर इमरजेंसी का निरीक्षण किया। मेडिसिन आइसीयू में भर्ती स्त्री एवं प्रसूति रोग की जेआर-2 डॉ. मनीषा गुप्ता से भी मिलीं। उन्होंने सीनियर और जूनियर डॉक्टरों से बातचीत भी की। अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज जच्चा-बच्चा अस्पताल भी गई।
जीएसवीएम में पढ़ीं और वहीं प्राचार्य बनीं
डॉ. आरती संघर्षो के बाद डा. आरती लालचंदानी ने आखिरकार वो मुकाम हासिल कर लिया जिसके लिए वह काफी दिनों से प्रयासरत थीं। जिस जीएसवीएम मेडिकल कालेज से उन्होंने चिकित्सा शिक्षा पूरी की अब वह वहां की प्राचार्य बन गई हैं।
उनका कहना है कि वह सामंजस्य से मेडिकल कालेज देश का सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा महाविद्यालय बनाने का प्रयास करेंगी। साल 1974 में आरती ने जीएसवीएम मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू की थी। एमडी व डीएम कार्डियोलॉजी की शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कार्डियोलॉजी व मेडिसिन विभाग में बतौर शिक्षक 1980 में पढ़ाना शुरू किया। 1985 में उनकी नियुक्ति प्रवक्ता पद पर हुई। इसके बाद एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर और फिर मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष बनीं।
सपा सरकार में जब मेडिकल कालेज के छात्रों और सपा विधायक के बीच मारपीट की घटना हुई तो वह छात्रों के पक्ष में खड़ीं हुईं और आंदोलन में आगे बढ़कर हिस्सा लिया। इसके बाद उन्हें मेडिकल कालेज बांदा का कार्यवाहक प्राचार्य बनाकर स्थानांतरित कर दिया गया था। हालांकि उन्होंने कार्यभार ग्रहण करन से मना किया तो निलंबित किया गया। बाद में उन्होंने वीआरएस ले लिया था।
अब उप्र लोकसेवा आयोग से प्राचार्य पद पर चयन हुआ है। हालांकि नवयुग अभियान सेवा समिति नामक संस्था ने जनहित याचिका लगाकर उनके नियुक्ति पर रोक लगाने लगाने की मांग की थी। याचिका खारिज हुई और अब शासन ने उन्हें यहां तैनात कर दिया।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.