कौन हैं सुनील, जिन्हें देख राज्यपाल और मुख्यमंत्री आगे बढ़े और बोले धन्यवाद आपका
गंदगी से दुश्मनी ठान हीरो बने दिव्यांग सुनील। सुबह चार बजे व्हीलचेयर से निकल जाते थे निगरानी को, ओडीएफ कराए गांव।राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उनका सम्मान किया।
कानपुर (जागरण संवाददाता)। अवध शिल्पग्राम लखनऊ में मंगलवार को लगातार मीडिया के कैमरों के फ्लैश लोगों के चेहरे पर चमक रहे थे, लेकिन अचानक एक ऐसा चेहरा सामने आया, जिसके पास राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद चलकर आए। बोले- सुनील! धन्यवाद, आपने असाधारण कार्य किया है। यह वह सुनील अवस्थी हैं, जिन्होंने दिव्यांग होते हुए गंदगी के खिलाफ ऐसी जंग लड़ी, जो वाकई असाधारण ही कही जाएगी।
जब बन गए स्वच्छताग्राही
बिधनू ग्राम पंचायत निवासी 45 वर्षीय सुनील अवस्थी के दोनों पैर बचपन से ही खराब हैं। सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन शुरू कर गांवों को खुले में शौचमुक्त करने की मुहिम शुरू की। मिशन में लगी टीम गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने लगी। इसी दौरान 2016 में बिधनू ग्राम पंचायत के दिव्यांग सुनील कुमार अवस्थी भी एक कार्यक्रम में शामिल हुए तो प्रभावित हो गए। स्वच्छताग्राही बनकर गांव को साफ-सुथरा और खुले में शौचमुक्त करने का बीड़ा उठाया।
सुबह चार बजे घर से निकल जाते
सुनील ने बताया कि वह हर दिन सुबह चार बजे घर से निकल जाते। बिधनू और पड़ोस के गांव सिरसा में घूमते। निगरानी करते कि कोई खुले में शौच तो नहीं जा रहा। कोई जाता तो उसे टोकते। कोई घर के बाहर सड़क पर कूड़ा फेंकता तो उसे समझाते। वह बताते हैं कि उनकी रोकटोक की वजह से कई लोगों से विवाद जैसी स्थिति भी बनी। पहले वह चिढ़ते थे और अब भैया नमस्ते कहते हैं। उनका दावा है कि पूरा गांव ओडीएफ हो चुका है, सिर्फ घोषणा बाकी है।
उनकी उपलब्धि के लिए प्रदेश के 75 सम्मान योग्य स्वच्छताग्राहियों में सुनील का नाम शामिल किया गया। मंगलवार को जिला स्वच्छता प्रेरक पूर्णिमा गौतम के साथ सुनील लखनऊ पहुंचे। राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका सम्मान किया। मंच से उतरकर उनके पास तक आए और तारीफ की। इस दौरान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा भी उपस्थित थे।
इसलिए छेड़ी गंदगी से जंग
सुनील ने बताया कि जब गंदगी के नुकसान बताए जा रहे थे तो मुझे लगा कि शायद गांव में फैली गंदगी की वजह से मैं दिव्यांग पैदा हुआ। स्वच्छता रहेगी तो बीमारियां भी कम होंगी। यही सोचकर मुहिम से जुड़े। इस कार्य को निरंतर रख सकूं, इसलिए मुख्यमंत्री से बैटरी चालित ट्राइसाइकिल मांगी है। सीएम ने आश्वासन दिया है।