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सरकार कुओं को देगी संजीवनी, न इंसान प्यासा रहेगा और न पशु

प्रदेश में न तो इंसान प्यासा रहेगा और न ही पशु। किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलेगा। इसके साथ ही मृत हो चुके कुओं को जिंदा करके उन्हें पाताल से जोड़ दिया जाएगा।

By Ashish MishraEdited By: Published: Fri, 16 Mar 2018 02:15 PM (IST)Updated: Fri, 16 Mar 2018 02:21 PM (IST)
सरकार कुओं को देगी संजीवनी, न इंसान प्यासा रहेगा और न पशु

कानपुर (जेएनएन)। लोकसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ी भाजपा सरकार का गला अब पानी के इंतजामों को लेकर सूखा है। पेयजल और सिंचाई के इंतजाम चुस्त-दुरुस्त करने को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों का अध्ययन दल गठित किया है। गुरुवार को कानपुर और आगरा मंडल की पेयजल परियोजनाओं और परिस्थितियों का अध्ययन करने के लिए विकास भवन सभागार में मैराथन बैठक हुई। सरकार का दावा है कि 15 अप्रैल तक सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली जाएंगी। प्रदेश में न तो इंसान प्यासा रहेगा और न ही पशु। किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलेगा। इसके साथ ही मृत हो चुके कुओं को जिंदा करके उन्हें पाताल से जोड़ दिया जाएगा।

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ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेंद्र सिंह की अध्यक्षता वाले दल में सिंचाई राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख और नगर विकास राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव भी थे। प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास अनुराग श्रीवास्तव, दोनों मंडलों के मंडलायुक्त, सभी दस जिलों के जिलाधिकारी व संबंधित अफसरों के साथ शाम चार बजे बैठक शुरू हुई। सभी जगह संचालित, प्रस्तावित और निर्माणाधीन पेयजल और सिंचाई योजनाओं की जानकारी अध्ययन दल ने ली। कैसे व्यवस्थाएं और बेहतर हो सकती हैं, इस पर सुझाव भी लिये गए। रात आठ बजे तक चली बैठक में मंत्रियों ने अधिकारियों को सरकार की मंशा से भी अवगत करा दिया।

इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि इससे पहले हम बुंदेलखंड की बैठक कर वहां के लिए बेहतरीन प्लानिंग बना चुके हैं। यहां दो मंडलों के दस जिलों की नगरीय और ग्रामीण पेयजल व्यवस्था पर चर्चा की है। बताया कि बैठक के केंद्र में दो ही प्रमुख बिंद रहे हैं। एक तो कोई इंसान या पशु प्यासा न रहे और दूसरा यह कि किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिले। उन्होंने कहा कि सभी जगह स्थिति लगभग ठीक है। परियोजनाओं पर काम चल रहा है। सारी स्थितियां 15 अप्रैल तक दुरुस्त कर ली जाएंगी। कानपुर मंडल में 5054 गांव व शहरी क्षेत्र में सवा करोड़ आबादी है।

यहां एक लाख 78 हजार 384 इंडिया मार्का हैंडपंप लगे हैं। इनमें जो खराब हैं, उन्हें रीबोर किया जाएगा। 352 पाइप पेयजल परियोजनाएं हैं। निर्माणाधीन 67 में से 47 पूरी हो चुकी हैं। इसी तरह आगरा मंडल में 702 परियोजनाएं हैं। निर्माणाधीन 64 में 12 पूरी हो चुकी हैं। सभी जिलों में हैंडपंप, पाइप लाइन, टीटीएसपी, ओवरहैड टैंक को सुचारु कर दिया जाएगा। कानपुर में लंबित पेयजल पाइन लाइन परियोजना के संबंध में कहा कि अधिकारियों से बात हो गई है। समन्वय कर जल्द ही वह काम पूरा करा दिया जाएगा।

सख्ती से लागू होगी रेन वाटर हार्वेस्टिंग

ग्राम्य विकास राज्यमंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि भूगर्भ जलस्तर सुधारने पर भी पूरा जोर है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग का नियम सख्ती से लागू किया जाएगा। हर सरकारी भवन में यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही तालाबों की गहरी खोदाई कर चारों और घने पौधे लगाए जाएंगे। सभी सार्वजनिक स्थलों पर पानी के इंतजाम किए जाएंगे।

पानी के लिए बनेंगे कंट्रोल रूम

बैठक में तय हुआ कि ब्लॉक, तहसील और जिला स्तर पर पानी के लिए कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे। जहां भी पानी की समस्या होगी, उसकी सूचना कंट्रोल रूम को देने पर वहां पानी के टैंकर भिजवाए जाएंगे।

आत्मविश्वास से हारे चुनाव

फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव में हार का सवाल पूछा गया तो इतना ही बोले कि आत्मविश्वास की वजह से हारे लेकिन निराश नहीं हैं, समीक्षा कर आगे बढ़ेंगे। 


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