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नोटबंदी के समय आयकर के शिकंजे में आए लोगों के लिए सुनहरा मौका, बाहर निकालेगा 'विवाद से विश्वास'

बजट में वादे के अनुरूप केंद्र सरकार ने द डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास एक्ट 2020 बनाया है।

By AbhishekEdited By: Published: Thu, 06 Feb 2020 10:23 AM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 09:32 AM (IST)
नोटबंदी के समय आयकर के शिकंजे में आए लोगों के लिए सुनहरा मौका, बाहर निकालेगा 'विवाद से विश्वास'

कानपुर, जेएनएन। नोटबंदी के दौरान आयकर के विवादों में फंसे लोगों के लिए सुनहरा मौका है। वित्तमंत्री ने बजट में किया वादा पूरा कर 'द डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास एक्ट 2020' बनाया है। इसके तहत 31 मार्च तक आयकर, पेनाल्टी, एरियर या आयकर के सी विवादों से मुक्ति पाई जा सकती है। खास बात ये है कि इसके तहत विवादित आयकर का सिर्फ मूलधन देना होगा। वहीं एरियर और पेनाल्टी की रकम को लेकर उपजे विवाद से 25 फीसद भुगतान देकर निजात पाई जा सकती है।

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देशभर में फंसा 9.32 लाख करोड़ रुपये

आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान होने के बाद बैंकों में रकम जमा करने वाले तमाम लोग आयकर के चक्कर में फंसे हैं। कमिश्नरी से लेकर ट्रिब्यूनल, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अनेक मुकदमों की सुनवाई चल रही है। इस तरह देशभर में आयकर संबंधी ही 9.32 लाख करोड़ रुपये फंसा है। इसीलिए सरकार ने यह अधिनियम बनाया है, ताकि इन विवादित मामलों की समाप्ति हो सके। द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के सचिव अभिषेक पांडेय कहते हैं कि यह सरकार की अच्छी पहल है। इससे पहले सारे केस समाप्त होंगे।

31 जनवरी 2020 तक के विवादों पर मिलेगा लाभ

अधिनियम के तहत जो विवाद 31 जनवरी तक कोर्ट, ट्रिब्यूनल या कमिश्नरी तक पहुंच चुके हैं, उन मामलों में ही यह समाधान योजना लागू होगी। 31 मार्च तक इस योजना का लाभ उठाने वालों को विवादित आयकर में पेनाल्टी और इनकम टैक्स के सी विवाद में केवल विवादित टैक्स ही देना पड़ेगा। इस तिथि के बाद दस फीसद पेनाल्टी लगेगी। इसी तरह जहां टैक्स के एरियर या पेनाल्टी का विवाद है, वहां केवल 25 फीसद राशि देकर ही छुटकारा मिल जाएगा। 31 मार्च के बाद यह राशि तीस प्रतिशत हो जाएगी।

ऐसे होगा आवेदन

ऐसे सभी विवादित मामलों में निर्धारित प्रारूप पर आवेदन किया जाएगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) प्रारूप पर काम कर रहा है। इसके बाद घोषणापत्र भरकर आयकर विभाग में जमा करना होगा। विभाग 15 दिन में आपको रकम जमा करने का प्रमाणपत्र जारी कर देगा। भुगतान करके आयकर अधिकारियों को सूचित कर देंगे तो सभी स्तर पर चल रहे विवाद समाप्त हो जाएंगे। अन्तरराष्ट्रीय विवादों में जहां आर्बीटेशन में मामला चल रहा है, वहां पहले केस वापस लेने पर ही लाभ मिल सकेगा।


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