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गिरिराज किशोर को पहला गिरमिटिया उपन्यास पर मिला था पद्मश्री, लंबी है उपलब्धियों की सूची Kanpur News

कहानियां कविताएं लघु कथाएं निबंध नाटक के साथ ही लिखे कई प्रसिद्ध उपन्यास।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 11:46 AM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 05:45 PM (IST)
गिरिराज किशोर को पहला गिरमिटिया उपन्यास पर मिला था पद्मश्री, लंबी है उपलब्धियों की सूची Kanpur News
गिरिराज किशोर को पहला गिरमिटिया उपन्यास पर मिला था पद्मश्री, लंबी है उपलब्धियों की सूची Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। साहित्यकार गिरिराज किशोर अब हमारे बीच नहीं हैं पर उनके उपन्यास, कविताएं व लेख हमेशा उनकी याद दिलाते रहेंगे। देश का चौथा सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री उन्हें पहला गिरमिटिया उपन्यास पर दिया गया था, जो गांधी जी के अफ्रीका प्रवास को लेकर लिखा था। उन्हें इस पुरस्कार से 2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने सम्मानित किया था।

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उनकी उपलब्धियां

-संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से एमेरिट्स फैलोशिप - 1998-1999 दी गई।

-भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, राष्ट्रपति निवास शिमला में फैलो - मई 1999 -2001

-राष्ट्रपति द्वारा 23 मार्च 2007 में साहित्य और शिक्षा के लिए पद्मश्री से विभूषित

-2002 में छत्रपति शाहूजी महाराज विवि कानपुर द्वारा डी.लिट. की मानद् उपाधि।

-साहित्य अकादमी, नई दिल्ली की कार्यकारिणी के सदस्य रहे।

-हिन्दी सलाहकार समिति, रेलवे बोर्ड के सदस्य रहे।

कौन-कौन से मिले सम्मान

-उप्र हिंदी संस्थान द्वारा चेहरे-चेहरे किसके चेहरे नाटक पर भारतेन्दु सम्मान

-परिशिष्ट उपन्यास पर मप्र साहित्य कला परिषद का बीर सिंह देवजू सम्मान

-ढाई घर उपन्यास पर साहित्य अकादमी पुरस्कार,

-उप्र हिंदी संस्थान का साहित्यभूषण

-भारतीय भाषा परिषद का शतदल सम्मान

-पहला गिरमिटिया उपन्यास पर केके बिरला फाउण्डेशन द्वारा व्यास सम्मान

-उप्र हिंदी संस्थान का महात्मा गांधी सम्मान

-उप्र हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा हिंदी सेवा के लिए प्रो. बासुदेव सिंह स्वर्ण पदक -जवाहरलाल नेहरू विवि में आयोजित सत्याग्रह शताब्दी विश्व सम्मेलन में सम्मानित।

-2007 में भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित।

प्रकाशित रचनाएं

उपन्यासों के अतिरिक्त दस कहानी संग्रह, सात नाटक, एक एकांकी संग्रह, चार निबंध संग्रह तथा महात्मा गांधी की जीवनी पहला गिरमिटिया प्रकाशित हो चुका है।

कहानी संग्रह

नीम के फूल, चार मोती बेआब,

पेपरवेट, रिश्ता और अन्य कहानियां,

शहर-दर-शहर, हम प्यार कर लें,

जगत्तारनी एवं अन्य कहानियां,

वल्द रोज़ी, यह देह किसकी है?

कहानियां

पांच खंडों में मेरी राजनीतिक कहानियां

हमारे मालिक सबके मालिक

उपन्यास

लोग (1966)

चिडिय़ाघर (1968)

यात्राएँ (1917)

जुगलबन्दी (1973)

दो (1974)

इन्द्र सुनें (1978)

दावेदार (1979)

यथा प्रस्तावित (1982)

तीसरी सत्ता (1982)

परिशिष्ट (1984)

असलाह (1987)

अंर्तध्वंस (1990)

ढाई घर (1991)

यातनाघर (1997)

पहला गिरमिटिया (1999)

नाटक

नरमेध, प्रजा ही रहने दो,

चेहरे-चेहरे किसके चेहरे, केवल मेरा नाम लो, जुर्म आयद, काठ की तोप।

लघुनाटक

बच्चों के लिए एक लघुनाटक

मोहन का दुख

लेख/निबंध

संवादसेतु, लिखने का तर्क, सरोकार, कथ-अकथ, समपर्णी, एक जनभाषा की त्रासदी, जन-जन सनसत्ता 


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