बच्ची की वीभत्स हत्या के बाद हुआ राजफाश, घाटमपुर के सीमावर्ती गांवों में खूब है तंत्र-मंत्र का चलन
कई गांवों में है तांत्रिकों का वजूद फिर भी पुलिस नहीं करती कार्रवाई। जिस गांव में हुई हत्या वहां भी है रहता है नामी तांत्रिक। दीपावली की रात हुई वारदात से तांत्रिक के शामिल होने का भी अंदेशा।
कानपुर, जेएनएन। घाटमपुर में संतान प्राप्ति के लिए बच्ची का कलेजा खाने वाली घटना को पुलिस टोना-टोटका मानकर चल रही है, मगर बात केवल इतनी ही नहीं है। सामने आया है कि पड़ोसी जनपद से लगे घाटमपुर के सीमावर्ती गांवों में तंत्र-मंत्र और जादू-टोना का खूब चलन है। यह भी सामने आया है कि कई गांव में क्षेत्रीय स्तर पर नामी तांत्रिक है। जिस तरह से दीपावली की रात यह वारदात हुई, उससे यह इन्कार नहीं किया जा सकता है कि इस घटना में केवल चार लोग ही शामिल थे।
बड़े तांत्रिक का बताया जा रहा प्रभाव
घाटमपुर कांड में पुलिस का दावा है कि नि:संतान दंपती ने अपने भतीजों की मदद से एक बच्ची की हत्या इसलिए कराई क्योंकि उसने किसी जादू टोने की किताब में पढ़ा था कि बच्चे का कलेजा खाने से उन्हें संतान की प्राप्ति होगी। भतीतों ने शराब के नशे में पहले बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया, इसके बाद उसकी हत्या कर पेट फाड़कर उसके अंग निकाल लिए। पुलिस इस घटना में दंपति व दो भतीजों के शामिल होने की बात मान रही है। मगर, इस मामले में एक चौकाने वाली बात सामने आई है। पता चला है कि इस गांव के सटे तमाम गांवों में एक विशेष वर्ग में तंत्र-मंत्र का खूब चलन है। जिस गांव में यह घटना हुई, वहां भी एक बड़े तांत्रिक का प्रभाव बताया जा रहा है। जिस तरह से दीपावली की रात यह घटना हुई, उससे पुलिस के उस दावे से इतर संभावना है कि इस घटना में भी कोई तांत्रिक शामिल है।
तांत्रिक क्रियाओं के प्रति लोगों को करना होगा जागरूक
घाटमपुर के इन गांवों में तांत्रिक क्रियाओं के प्रभाव की जानकारी स्थानीय स्तर पर पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को है, मगर कभी इसके खिलाफ कार्रवाई या जागरूकता के लिए कोई अभियान नहीं चलाया गया। इस घटना के बाद भी जिस तरह से कदम उठाए जा रहे हैं, उससे तांत्रिकों को बच निकलने का रास्ता मिल रहा है।