कई गांवों में घुसा गंगा का पानी, 190 परिवारों का पलायन
गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदू को छू गया है। इसी के साथ कटरी के आठ और गांवों में पानी घुस गया है।
संवाद सहयोगी बिठूर : गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदू को छू गया है। इसी के साथ कटरी के आठ और गांवों में पानी घुस गया है। इन गांवों के 190 परिवार पलायन कर गंगा बैराज से मंधना जाने वाले बंधे पर राहत शिविर में आ गए हैं। प्रशासन ने वहीं पर उनके भोजन का प्रबंध भी किया है।
नरौरा से लगातार गंगा में पानी छोड़ा जा रहा है। यही वजह है कि निरंतर गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। शुक्लागंज गेज पर जलस्तर चेतावनी बिंदु 113 मीटर को छू गया है। जलस्तर में अभी और बढ़ोतरी होगी क्योंकि नरौरा से दो लाख क्यूसेक पानी और छोड़ दिया गया है। शुक्रवार को जो पानी छोड़ा गया था वह कानपुर पहुंच गया है। शनिवार को छोड़ा गया पानी भी सोमवार तक आ जाएगा। ऐसे में अभी कई और गांवों में बाढ़ आएगी। गंगा किनारे बसे बनिया पुरवा, भोपाल पुरवा, दुर्गापुरवा, गिल्ली पुरवा, मक्का पुरवा, लछिमन पुरवा, शिवदीन पुरवा, पपरिया आदि गांवों में रविवार को पानी घुसा। परेशान ग्रामीणों ने आनन-फानन में गृहस्थी का सामान सुरक्षित किया और बैराज स्थित बंधे पर आ गए। जो परिवार वहां से राहत शिविर में आने से कतरा रहे थे अफसरों ने उन्हें जबरदस्ती बाहर निकाला और बंधे पर ले आए। उधर चैनपुरवा गांव के लोगों को भी अब गांव से निकलने के लिए कह दिया गया है। यहां के आधा दर्जन परिवार तो वहां से राहत शिविर में आ गए हैं, जबकि दो दर्जन परिवारों ने अब भी घर नहीं छोड़ा है। इसकी बड़ी वजह है घर में चोरी की आशंका। विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत सामग्री बांटी। एसडीएम संजय कुमार, तहसीलदार विजय यादव और नायब तहसीलदार विराग करवरिया ने भी गांवों में पहुंचकर परिवारों को निकाला।
अब पशुओं के चारे का संकट
कटरी में सबसे बड़ी समस्या जानवरों के चारे की है। खेतों में पानी भरने के बाद अब पशुओं को चारा कहां से मिलेगा, यह सोचकर ही ग्रामीण परेशान हैं। हालांकि पशु पालन विभाग अब उनके चारे का भी प्रबंध करेगा। जानवरों में मुंहपका और खुरपका जैसी बीमारियां न हों, इसलिए विभाग ने टीके लगाने शुरू करा दिए हैं।
बाइक से अस्पताल भेजी गई प्रसूता
दुर्गापुरवा गाव में पानी घुसने के बाद जब वहां के लोग पलायन की तैयारी कर रहे थे, इसी बीच गांव निवासी रुचि को प्रसव पीड़ा हुई। आनन-फानन में प्रधान अशोक निषाद ने नाव के जरिये उसे बाहर निकाला और फिर बाइक से अस्पताल भेजा। महिला स्वास्थ्यकर्मी नाहिदा बेगम ने बताया कि महिला व गर्भ में पल रहे बच्चे को कोई दिक्कत नहीं आई है।
सरजूपुरवा से भी पलायन
सरजूपुरवा और तिवारीपुर के एक दर्जन परिवारों ने भी मन्नीपुरवा में बनाए गए राहत शिविर में शरण ली है। सरजूपुरवा के अमर सिंह, बाबूलाल, कंचन, ज्योति के मकान गिर गए हैं। रेनू, सजारा, शबनम, राजेंद्र समेत कई लोगों के परिवार प्राथमिक स्कूल में रोके गए हैं।
इन गांवों भी बाढ़ का खतरा
बाकरगंज, चिरान, प्रतापपुर हरी, ईश्वरीगंज, तिश्जा, बैकुंठपुर, हींगूपुर, देवनीपुरवा और शंकरपुर सराय आदि गांवों में बाढ़ के पानी घुसने का खतरा है।
प्रशासन ने नहीं दिया भोजन
बंधे पर लोगों को ठहरा दिया गया है, लेकिन अभी तक प्रशासन की तरफ से भोजन और पेयजल की व्यवस्था नहीं हो सकी है। दुर्गापुरवा के महादेव निषाद, मक्कापुरवा के संजीवन निषाद, भगवानदीनपुरवा के संतोष, रमेश, सोनेलाल, महेश, दिनेश, उदय, घसीटे आदि लोगों का कहना है कि अभी तक प्रशासन ने पेयजल और भोजन का कोई प्रबंध नहीं किया गया है।