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कानपुर में गंगा का जलस्तर 23 दिन में तीन फीट गिरा, बैराज से पानी छोड़ने के लिए भेजा पत्र

कानपुर में गंगा का जलस्तर गिरने से जलापूर्ति पर संकट गहराने के आसार पैदा हो गए हैं। जलकल ने सभी ड्रेजिंग मशीन चालू कर दी है और अब बंधा बनाने की तैयारी की जा रही है। अफसरों ने सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर बैराज से पानी छोड़ने को कहा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 09:53 AM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 09:53 AM (IST)
कानपुर में गंगा का जलस्तर 23 दिन में तीन फीट गिरा, बैराज से पानी छोड़ने के लिए भेजा पत्र
कानपुर में गर्मी में गहरा सकता पेयजल संकट।

कानपुर, जेएनएन। गर्मी के साथ ही शहर में पानी की मांग बढऩे लगी है। वहीं गंगा का जलस्तर भैरोघाट पंपिंग स्टेशन के पास तेजी से गिर रहा है। 23 दिन में गंगा का जलस्तर तीन फीट गिर कर 358.8 से 355.8 फीट तक पहुंच गया है। एक फीट और जलस्तर गिरा तो भैरोघाट पंङ्क्षपग स्टेशन से रोज शहर में होने वाली बीस करोड़ लीटर जलापूर्ति प्रभावित हो सकती है। इसको लेकर जलकल अफसरों ने सभी ड्रेजिंग मशीन चालू कर दी हैं। वहीं सिंचाई विभाग को बैराज से पानी छोडऩे का पत्र लिखने के साथ ही गंगा की धारा को भैरोघाट पंपिंग स्टेशन मोडऩे के लिए अस्थायी बंधा बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

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गर्मी में पारा बढ़ने के साथ ही गंगा का जलस्तर तेजी से गिरने लगता है। 2003 से हर साल भैरोघाट पंपिंग स्टेशन के पास गंगा की धारा रोकने के लिए बालू की बोरियों का अस्थायी बंधा बनाया जाता है। लॉकडाउन के समय वर्ष 2020 में 17 साल में पहली बार जलकल को बंधा नहीं बनाना पड़ा था, लेकिन इस बार जल्द बंधा बनाना पड़ेगा नहीं तो शहर की जलापूर्ति प्रभावित हो जाएगी। जलकल के अवर अभियंता रवि प्रकाश सिंह ने बताया कि कच्चा पानी खींचने के लिए ड्रेङ्क्षजग मशीन चालू कर दी गई है। बालू को हटाकर अस्थायी बंधा बनाने की तैयारी की जा रही है। जलकल के महाप्रबंधक नीरज गौड़ ने गंगा में पानी छोडऩे के लिए सिंचाई विभाग के अफसरों को पत्र लिखा है, ताकि जलापूर्ति सुचारु रूप से होती रहे।

यह स्थिति है गंगा की

सात मार्च - 358.8 फीट

30 मार्च - 355.8 फीट

न्यूनतम - 355 फीट पानी की जरूरत (इससे जलस्तर कम होने से जलापूर्ति प्रभावित हो सकती)

अस्थायी बंधा - गंगा की धारा को भैरोघाट पंपिंग स्टेशन मोड़ा जाता है।

अस्थायी बंधा बन रहा - वर्ष 2003 से

अपवाद - कोरोना काल में वर्ष 2020 में अस्थायी बंधा नहीं बनाना पड़ा था।

गुजैनी प्लांट और कैनाल से पानी मिलने से राहत

गुजैनी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और लोअर गंगा कैनाल चालू होने से जलकल ने राहत की सांस ली है। कई माह बाद दोनों प्लांट चालू हो सके। गुजैनी प्लांट से 2.8 करोड़ लीटर जलापूर्ति शुरू होने से साउथ सिटी के इलाकों में प्रेशर से पानी मिल सका। वहीं तीन माह बाद लोअर गंगा कैनाल से रुकी पांच करोड़ लीटर जलापूर्ति शुरू हो सकी। तीन दर्जन मोहल्लों को प्रेशर से पानी मिला। वहीं बिजली फाल्ट के कारण बैराज का प्लांट दो दिन बंद हो गया था। फाल्ट ठीक होने के बाद चालू हो गया। बैराज से रोज छह करोड़ लीटर जलापूर्ति की जाती है।


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