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कन्नौज के दो भाइयों की हेराफेरी सुन कहेंगे ऐसा भी होता है क्या, एक कर रहा नौकरी दूसरा गया जेल

हत्या के मामले में सच्चाई सामने आने के बाद वादी ने खोला राज तो पुलिस महकमे में भी अफरा तफरी मच गई है।

By AbhishekEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 06:21 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 06:21 PM (IST)
कन्नौज के दो भाइयों की हेराफेरी सुन कहेंगे ऐसा भी होता है क्या, एक कर रहा नौकरी दूसरा गया जेल
कन्नौज के दो भाइयों की हेराफेरी सुन कहेंगे ऐसा भी होता है क्या, एक कर रहा नौकरी दूसरा गया जेल

कन्नौज, जेएनएन। शहर के थाना विशुनगढ़ में दो साल बाद दो भाइयों की अजब-गजब हेराफेरी सामने आने के बाद पुलिस तो हैरान रह गई और लोगों की जुबां पर रहा-ऐसा भी होता है क्या? यह हेराफेरी राम-श्याम और सीता-गीता की तरह बिल्कुल फिल्मी है लेकिन चेहरे और नाम जुदा हैं। एक भाई अपने दूसरे भाई के नाम पर फौज में नौकरी कर रहा है तो दूसरा भाई उसकी जगह जेल चला गया है। हत्या के मामले में आरोपित की जगह दूसरे भाई के जेल जाने पर वादी ने सच रखा है तो पुलिस भी कठघरे में आ गई है। 

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दो साल पहले हुई थी हत्या

थाना विशुनगढ़ के गांव रुद्रपुर जमामर्दपुर में 22 जुलाई 2018 को डीजे साउंड बजाने को लेकर मारपीट व फायरिंग में रामपाल घायल हो गए थे। घायल के भाई धर्मपाल ने फौजी अंकित, अनुराग व आशीष, रामदास व शुभम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में शंकरपुर चौकी इंचार्ज सत्येंद्र सिंह ने विवेचना के दौरान 23 जुलाई 2018 को धारा 326 बढ़ा दी थी। वहीं 29 जुलाई 2018 को कानपुर हैलट में घायल रामपाल की मौत होने पर हत्या की धारा बढ़ाते हुए थाना प्रभारी सुजीत वर्मा को विवेचना मिल गई थी।  02 जनवरी 2019 को अंकित यादव की ओर से सीजेएम न्यायालय में समर्पण पत्र दाखिल करने के बाद पुलिस ने बिना जांचे ही  जेल भेज दिया था और बाद में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। 

अंकित कर रहा नौकरी और लेज में है आदित्य

वादी धर्मपाल हत्यारोपितों को सजा दिलाने के लिए अदालत में पैरवी कर रहे है। उन्हें पता चला कि आरोपित अंकित सेना में नौकरी कर रहा है तो वह पड़ताल में जुट गए। सामने आया कि आदित्य के नाम से अंकित सेना में नौकरी कर रहा है और अंकित बनकर आदित्य ने आत्मसमर्पण किया है। इस सच्चाई को उजागर करते हुए उन्होंने वकील के माध्यम से अदालत में मामला उठाया और हाईकोर्ट तक गुहार लगाई। पुलिस की लापरवाही सामने आने पर हाईकोर्ट ने उच्चाधिकारियों को नोटिस किया है। 

नौकरी में लगाए गए फर्जी प्रपत्र

पड़ताल में सामने आया कि भाई आदित्य यादव के शैक्षिक दस्तावेज फर्जी तरीके से सेना में लगाकर अंकित नौकरी कर रहा है। वहीं भाई को बचाने के लिए आदित्य यादव ने ही अंकित यादव बनकर सीजेएम न्यायालय में 2 जनवरी 2019 को आत्मसमर्पण किया। पुलिस ने भी जांच पड़ताल किए बिना फर्जी तरीके से कुर्की की भी कार्रवाई की। थाना प्रभारी विशुनगढ़ इंद्रपाल सरोज का कहना है कि वर्ष 2018 का मामला है, जांच की जा रही है। धोखाधड़ी करने के मामले में आरोपित पर मुकदमा दर्ज किया गया है। 

एसपी ने सेना के कमांडेंट अफसर को भेजा पत्र

एसपी ने नौकरी कर रहे अंकित फौजी को गिरफ्तार करने के लिए थाना प्रभारी को 26 फरवरी 2020 को आदेश जारी किए हैं। थाना प्रभारी ने अंकित के भाई आदित्य पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा लिखा है। मामले की जांच शंकरपुर चौकी इंचार्ज रंजन लाल को दी गई है। वास्तविक अंकित की गिरफ्तारी के लिए यूनिट कुमायूं सेंटर 17 रानीखेत उत्तराखंड के पते पर कमांडेंट अफसर को पत्र भेजा। इसके बाद कन्नौज पुलिस टीम ने उत्तराखंड पहुंचकर आरोपित अंकित को गिरफ्तार कर लिया है। 


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