14 वर्ष की पलक ने साबित किया जीवन में सफलता हासिल करने का कोई शार्टकट नहीं होता
कम उम्र में बड़ी छलांग लगाकर पलक अपनी मां और बहन के अरमान पूरे कर रही है।
कानपुर, [अंकुश शुक्ल]। जीवन में सफलता हासिल करने का कोई शार्टकट नहीं होता। छोटे-छोटे प्रयास व अपनों के सहयोग से ही मानव को पहचान मिलती है। कुछ ऐसा ही कम उम्र में बड़ी छलांग लगाने वाली 14 वर्षीय पलक ने कर दिखाया। गोवा में संपन्न हुई राष्ट्रीय हेपकीडो बॉक्सिंग में इस खिलाड़ी ने कांस्य पदक जीतकर अपनी उड़ान का अहसास शहरवासियों को कराया।
आशाबहू मां समझती हैं बेटी की प्रतिभा
मसवानपुर निवासी स्वर्गीय पवन त्रिपाठी व अनिता त्रिपाठी की छोटी बेटी पलक त्रिपाठी ने कुराश, सैंबो व हेपकीडो बॉक्सिंग की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर हुनर का परिचय दे चुकी है। वह प्रतियोगिताओं में लगातार बेहतर कर मां व बहन के अरमानों को पूरा करने की ओर कदम बढ़ा दिए। आशा बहू मां अनिता के मुताबिक बचपन में खेलों से जुड़ी होने के कारण पलक खेल के महत्व समझती है। पति की असमय मृत्यु व विपरीत पारिवारिक परिस्थितियों के कारण बड़ी बेटी हरितमा को खेल में नही बढ़ा पाई।
बहन के साथ किया अभ्यास
नौवीं क्लास की छात्रा पलक ने बताया कि मोतीलाल इंटर कॉलेज में लगे कैंप खेल से जुडऩे की इच्छा जागी। बहन के साथ व मां के विश्वास से मैनें कोच आजाद सिंह के मार्गदर्शन में अभ्यास करना शुरू किया। पलक ने घर पर बहन के साथ अभ्यास कर खुद को निपुण बनाया। हरितमा बताती है कि पलक ने एक साल के प्रशिक्षण में कई प्रतियोगिताओं में पदक हासिल किए। उसकी किक व पंच करने का अंदाज व तेजी अन्य खिलाडिय़ों से बेहतर होने के कारण वो प्रतियोगिताओं में पदक हासिल करती रही। पलक भविष्य में इन खेलो की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्णिम छाप छोडऩा चाहती हैं। ताकि मां का संघर्ष कुछ हद तक सार्थक हो सके।
एक नजर पलक की उपलब्धियों पर
- स्कूल फेडरेशन द्वारा मेरठ में हुई कुराश प्रतियोगिता में रजत पदक जीता।
- वर्ष 2019 में हुई स्टेट कुराश में कांस्य पदक जीता।
- पटना में हुए ऑल इंडिया सैम्बो में कांस्य पदक झटका।
- मुरादाबाद में हुई स्टेट सैम्बों में स्वर्ण पदक जीता।
- गोवा में हुई हेपकीडो बॉक्सिंग में कांस्य पदक जीता।