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चित्रकूट के जंगल में बेरहमी से हुआ था वन दारोगा का कत्ल, सामने आई सनसनीखेज बात Chitrakoot News

पुलिस ने जंगल में शव मिलने पर करंट से मौत होने की बात कही थी।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 03:16 PM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 03:16 PM (IST)
चित्रकूट के जंगल में बेरहमी से हुआ था वन दारोगा का कत्ल, सामने आई सनसनीखेज बात Chitrakoot News

चित्रकूट, जेएनएन। मानिकपुर के मडफ़ा जंगल में मृत मिले वन दारोगा का बेरहमी से कत्ल किया गया था। जांच में यह सनसनीखेज बात सामने आने के बाद पुलिस का करंट लगने से मौत का अनुमान गलत साबित हुआ। अब आशंका है कि शिकारियों ने पहचाने जाने के डर से वन दारोगा की निर्मम हत्या की है। भाई ने गांव के ही सात लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं पुलिस की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

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ये हुई थी घटना

मानिकपुर वन निगम कार्यालय में तैनात केशरुवा निवासी वन दारोगा 45 वर्षीय अनूप ङ्क्षसह का शव शुक्रवार को मडफ़ा जंगल में पत्थरों के नीचे दबा मिला था। पुलिस ने सर्विलांस के जरिए उनकी लोकेशन तलाशी थी। एसपी मनोज कुमार झा ने भी मौका मुआयना किया था। पुलिस का अनुमान था कि शिकारियों द्वारा बिछाए गए करंट की चपेट में आकर उनकी मौत हुई है। शनिवार को जांच में वन दारोगा की कुल्हाड़ी से गला काटकर हत्या किए जाने की बात सामने आई।

पुलिस को ये है आशंका

पुलिस ने अनुमान जताया है कि वन दारोगा की करंट से हालत बिगडऩे के बाद शिकारियों ने पहचाने जाने के डर से वारदात की है। मानिकपुर थाना प्रभारी केके मिश्रा ने बताया कि मृतक के भाई अजय सिंह की तहरीर पर केशरुवा निवासी सगे भाई सोमनाथ व लखन लाल, बच्चू, राजेश, जीवा, नत्थू, व संतोष के खिलाफ हत्या कर शव छिपाने का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इनमें से दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, 24 घंटे के अंदर वारदात का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।

जमीन को लेकर गांव में थी रंजिश

वन दारोगा की हत्या में माना जा रहा है कि गांव में जमीन के विवाद को लेकर वारदात को अंजाम दिया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मृतक के पिता बलवीर ङ्क्षसह के पास करीब सौ बीघा जमीन है। इसमें कुछ साल पहले कोल आदिवासी मकान बनाकर रहते थे। खेतीबाड़ी भी करते थे। उनके पूर्वजों ने जमीन खाली करा ली थी। तब से कोल आदिवासियों ने पहाड़ के नीचे अपना अड्डा बना लिया था। संभावना जताई जा रही है कि कहीं उसी रंजिश के तहत हत्या कर दी गई हो।

पुलिस पर उठ रहे ये सवाल

1-मानिकपुर कस्बे से घर निकले दारोगा कैसे पहुंच गए जंगल?

2-पुलिस ने शुक्रवार को कुल्हाड़ी से गर्दन काटने की बात क्यों छिपाई?

3-जंगल में शिकारियों के वन्य जीवों के शिकार पर क्यों नहीं होती कार्रवाई?

4-शिकारियों ने वन दारोगा को इतनी निर्ममता से आखिर क्यों मार डाला?

5-कुल्हाड़ी से हत्या कर शव छिपाने के पीछे उनका क्या मकसद था?


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