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बेहतर भविष्य के लिए हमें समझना होगा हर बूंद का मोल

समय रहते यदि जल संरक्षण के प्रयास न किए गए तो आने वाले समय में पानी के लिए तरसना होगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Mar 2018 10:41 AM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 10:41 AM (IST)
बेहतर भविष्य के लिए हमें समझना होगा हर बूंद का मोल
बेहतर भविष्य के लिए हमें समझना होगा हर बूंद का मोल

जागरण संवाददाता, कानपुर : समय रहते यदि जल संरक्षण के प्रयास न किए गए तो आने वाले समय में पानी के लिए मारामारी होनी तय है। पेयजल के लिए लोगों को संघर्ष करना होगा। इससे बचने के लिए सबको मिलकर बारिश की एक एक बूंद को सहेजना होगा, वहीं पानी की बर्बादी भी रोकनी होगी। हालांकि बिना जागरूकता के यह संभव नहीं है। यदि हम अब भी चेत जाएं तो धरती की कोख को सूखने से बचाया जा सकता है।

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लीकेज में रोज बह जाता तीन करोड़ लीटर पानी

शहर में अंग्रेजों के जमाने की पड़ी पाइप लाइन जर्जर हो गई है। लीकेज के चलते रोज तीन करोड़ लीटर पीने का पानी सड़क और नालियों में बह जाता है। साढ़े आठ अरब रुपये से पड़े नए पेयजल सिस्टम को चालू ही नहीं किया गया है। वह भी घटिया पाइपों के चलते फंसा हुआ है।

डेढ़ लाख की बुझ सकती प्यास

लीकेज में बर्बाद होते तीन करोड़ लीटर पीने के पानी से डेढ़ लाख लोगों की प्यास बुझ सकती है।

तालाब व कुएं हों रिचार्ज

शहर में स्थित तालाबों व कुओं को रिचार्ज कराया जाए। उनको साफ कराकर जल संरक्षण में प्रयोग किया जा सकता है। इससे पीने का पानी मिलेगा साथ ही भूगर्भ जल भी बढ़ेगा।

यह हो व्यवस्था तो बचेगा पानी

- रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम हर सरकारी भवन व कार्यालय और निजी मकानों में बनाया जाए।

- आरओ में शुद्ध पानी के साथ निकलने वाले पानी का प्रयोग पौधों में, कपड़े धोने व बर्तन धोने में प्रयोग किया जाए।

- घर के लान को कच्चा रखें।

- घर के बाहर सड़कों के किनारे कच्चे रखें।

- पार्को में रिचार्ज ट्रेंच बनाई जाएं।

- फसलों की सिंचाई क्यारी बना कर करें।

- हर घर में स्टोरेज टैंक बनाएं।

- नल की धार हमेशा पतली रखें।

- हर पार्क में जल संरक्षण की व्यवस्था हो।

- हैंडपंप व सबमर्सिबल पंप लगाने की जगह मोहल्लों में एक नलकूप लगाया जाए ताकि पानी बर्बाद न हो।

- वाहनों को पानी से धोने की जगह एयर प्रेशर से साफ कराया जाए।

- सबमर्सिबल पंप लगाने पर रोक लगायी जाए।

वर्तमान चुनौतियां

-भूजल भंडारों की क्षति को पूरा करने के लिए रिचार्जिग में वृद्धि किया जाना

- भूजल दोहन को रिचार्ज के सापेक्ष कम किया जाना

- भूजल को प्रदूषण से सुरक्षित रखा जाना

- दूषित पानी को ट्रीट कराके उसका प्रयोग सिंचाई व अन्य कामों में प्रयोग किया जाना।


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