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संक्रमण रोकेगा जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, खुलेगा यूपी का पहला इंफेक्शन डिजीज इंस्टीट्यूट Kanpur News

बीमारियों की रोकथाम के साथ ही मिलेगा आधुनिक इलाज एलएलआर अस्पताल में चिह्नित की गई जमीन।

By AbhishekEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 11:16 AM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 11:26 AM (IST)
संक्रमण रोकेगा जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, खुलेगा यूपी का पहला इंफेक्शन डिजीज इंस्टीट्यूट Kanpur News
संक्रमण रोकेगा जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, खुलेगा यूपी का पहला इंफेक्शन डिजीज इंस्टीट्यूट Kanpur News

कानपुर, [ऋषि दीक्षित]। जीएसवीएम मेडिकल कालेज उत्तर प्रदेश की संक्रामक बीमारियों को नियंत्रित करेगा। यहां केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश का पहला इंफेक्शन डिजीज इंस्टीटयूट खोलने की तैयारी है। जहां बीमारियों के रोकथाम, उनकी वजह तलाशने को रिसर्च और आधुनिक इलाज मुहैया होगा। इसके लिए एलएलआर अस्पताल (हैलट) परिसर में जमीन चिह्नित की गई है।

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राज्य में टयूबरक्लोसिस (टीबी), स्वाइन फ्लू (इंफ्लूएंजा एन1एच1), टिटनेस, रैबीज एवं डिप्थीरिया समेत अन्य संक्रामक बीमारियां हर साल कहर बरपाती हैं। बड़ी संख्या में लोग दम तोड़ देते हैं। इन बीमारियों बैक्टीरिया-वायरल की प्रकृति, उनके फैलने का कारण जानने को अध्ययन एवं शोध (रिसर्च) जरूरी है। साथ ही पीडि़तों को अत्याधुनिक इलाज मुहैया कराया जाए। मेडिकल कॉलेज के एलएलआर अस्पताल में 15-20 जिलों से संक्रामक बीमारियों के पीडि़त इलाज के लिए आते हैं। इसलिए यहां इंस्टीट्यूट की जरूरत महसूस हुई है। इसके लिए कॉलेज प्रशासन ने एलएलआर अस्पताल के जीटी रोड की तरफ भूमि फाइनल की है। केंद्र सरकार के सहयोग से इससे पहले राजस्थान के जोधपुर में इंस्टीट्यूट ऑफ इंफेक्शन डिजीज की स्थापना की गई है जो आज तक क्रियाशील नहीं हो सका है।

आइडीएच की शिफ्टिंग से इंस्टीट्यूट बनाने की तैयारी

मेडिकल कॉलेज में संक्रामक रोग अस्पताल (आइडीएच) पहले से है। इस अस्पताल के आधे हिस्से में लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (एलपीएस इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी) का विस्तार करते हुए न्यू ओपीडी ब्लॉक बनाया गया है। अब आधे हिस्से में हृदय रोग संस्थान का मल्टी स्टोरी कॉम्पलेक्स बनना है। इसलिए आइडीएच को यहां से शिफ्ट किया जाना है। इससे प्राचार्य को इंस्टीट्यूट बनाने का आइडिया मिला।

एमडी की होगी पढ़ाई

इंस्टीट्यूट में मरीजों के इलाज के साथ संक्रामक रोग में स्नातकोत्तर (एमडी) की पढ़ाई शुरू की जाएगी। इसके लिए मेडिसिन विभाग, रेस्पेरेटरी मेडिसिन तथा इमरजेंसी मेडिसिन विभाग को मिलाकर प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसलिए मेडिसिन और टीबी एवं रेस्पेरेटरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

ये होंगे फायदे

सामान्य मरीजों को संक्रमण से बचाना होगा संभव, आधुनिक वार्ड, संक्रमण रोकने की बेहतर सुविधाएं, प्रशिक्षित पैरा मेडिकल कर्मचारी, माइक्रोबायोलॉजी एवं बायोकेमेस्ट्री की आधुनिक एवं विशेष प्रकार की जांच की सुविधा।

क्या बोलीं मेडिकल कॉलेज प्राचार्य

इंफेक्शन डिसीज के इलाज एवं विभिन्न बीमारियों पर शोध के लिए इंस्टीटयूट बनेगा। इसका प्रस्ताव केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को दिया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के निदेशक से भी मुलाकात की है। उन्होंने जल्द कार्य शुरू कराने का आश्वासन दिया है।

- डॉ. आरती लालचंदानी, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।


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