Fight Against COVID-19: ग्रामीणाें की सजगता से कोरोनामुक्त है UP का यह गांव, अब तक नहीं मिला कोई पॉजिटिव
Fight Against COVID-19 in UP चुनाव प्रचार को लेकर के लिए प्रत्याशी व एक समर्थक को ही गांव में प्रवेश दिया गया। महिला प्रत्याशी हों तो केवल उनके स्वजन को ही प्रवेश की इजाजत दी जा रही है। बाकी काफिला बाहर ही रहा।
बांदा, [राजेश कुमार साहू]। Fight Against COVID-19 in UP कोरोना वायरस ने चारों ओर त्राहि-त्राहि मचा रखी है, लेकिन वहीं यूपी के बांदा में एक इछावर गांव भी है जहां कोरोना पांव नहीं जमा सका। यहां सजग लोग प्रवेश के हर रास्ते की पहरेदारी करते हैं। बाहर से आने वाले प्रवासी हों या रिश्तेदार सभी की कोविड जांच रिपोर्ट देखते हैं, उसके बाद ही प्रवेश की अनुमति देते हैं। बचाव के हर उपाय खुद अपनाते हैं और दूसरों को भी जागरूक करते हैं।
इस तरह कर रहे कोरोना से मुकाबला: कोरोना महामारी के समय जिले का तीन हजार आबादी वाला इछावर गांव स्वस्थ समाज की बेहतरीन नजीर पेश कर रहा है। यहां हर व्यक्ति स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति बेहद जागरूक है। ऐसा नहीं है कि गांव में प्रवासी नहीं लौटे हैं। 25 से 30 लोग बाहर से आ चुके हैं लेकिन वहां के बाशिंदे कोरोना संक्रमण को लेकर फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। बाहर से आने वाले हर व्यक्ति के स्वास्थ्य का हाल पूछते हैं। उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट देखते हैैं। इसके बाद उन्हें बचाव के नियमों का पालन करने की नसीहत दी जाती है ताकि किसी सूरत में संक्रमण गांव के अंदर न पहुंच सके।
लोगों ने दी जानकारी: गांव के ब्रजेश, प्रेम यादव, सुघर यादव, अंशू,रत्नेश निषाद, रामप्रकाश, पोला निषाद आदि का कहना है कि जब वह खुद सतर्कता बरतेंगे तभी संक्रमित होने से बचाव होगा। इसके लिए वह अलग-अलग शिफ्ट में गांव आने वालों पर नजर रखते हैं। यदि गांव में किसी को भी खांसी, जुकाम बुखार जैसे लक्षण आते हैं तो उनको पहले घरेलू उपचार की सलाह देते हैं। ठीक न होने पर जसपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर कोरोना जांच कराने की सलाह देते हैं, हालांकि अब तक कोई कोरोना संक्रमित नहीं मिला है। गांव में वह बराबर कोरोना गाइड लाइन का पालन कराने का प्रयास कर रहे हैं। जिसका नतीजा है कि अभी तक कोई भी संक्रमित नहीं हुआ है। वह बताते हैैं कि यहां सादा भोजन लेने के साथ नींबू व संतरा का अधिक प्रयोग करते हैं।
इनका ये है कहना: कोरोना काल में सेवा दे रहे डॉ.अंकुर अवस्थी का कहना है कि अभी तक इछावर गांव में कोई भी संक्रमित नहीं मिला। बचाव के नियमों का पालन कर वहां के लोग संक्रमण से बच रहे हैं।
दुकानदार देते हैैं सैनिटाइज सामान, करते नेट बैंकिंग: तीन हजार आबादी के ये गांव हाईटेक भी है। यहां छोटे दुकानदार जरूरत का सामान मुख्य बाजार से लोडर में सामान लाते हैं। इसके बाद यहां उसे सैनिटाइज किया जाता है। साफ-सफाई के बाद ही ग्रामीणों को सामान दिया जाता हैं। कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक संबंधी सामान से लेकर सभी में नेट बैंकिंग से ही पेमेंट लेने की कोशिश रहती है। अगर नकद दिया जाता है तो रुपये सैनिटाइज जरूर करते हैं।
चुनाव प्रचार में भी लश्कर को नहीं मिला प्रवेश: यहां इस बार चुनाव प्रचार को लेकर के लिए प्रत्याशी व एक समर्थक को ही गांव में प्रवेश दिया गया। महिला प्रत्याशी हों तो केवल उनके स्वजन को ही प्रवेश की इजाजत दी जा रही है। बाकी काफिला बाहर ही रहा। यहां कल ही मतदान होना है।