कानपुर में कल होगा मकर संक्रांति का स्नान, इस दिन दान का है विशेष महत्व, गंगा तट तैयार
कानपुर में मकर संक्रांति को मनाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस दिन शहर में खिचड़ी और गर्म कपड़े दान किए जाते हैं। शहर के सरसैया घाट मैस्कर घाट बिठूर जाजमऊ सहित गंगा के तटों पर स्नान पूजन किया जाता है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। हिंदू धर्म में मकर संक्राति पर्व का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन किया गया गंगा स्नान, दान और भगवान के दर्शन से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस बार मकर संक्राति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति के दिन गंगा में स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। भारतीय ज्योतिष में सूर्य को नवग्रहों का स्वामी माना जाता है। मकर संक्राति से ही सूर्य उत्तरायण होता है। जिससे प्रकृति में सकारात्मक परिवर्तन होने लगता है। इस दिन खिचड़ी का दान और भोग लगाना विशेष लाभकारी माना जाता है। इस दिन शहर के विभिन्न स्थानों पर खिचड़ी भोज का आयोजन किया जाता है। इसमें भगवान को अर्पित खिचड़ी भक्तों को परोसी जाती है। घरों में स्नान पूजन का आयोजन भी किया जाता है।
पद्मेश इंस्टीट्यूट आफ वैदिक साइंसेस के अध्यक्ष पंडित केए दुबे पद्मेश ने बताया कि वर्ष में पडऩे वाली 12 संक्रातियों में मकर संक्राति का विशेष महत्व होता है। इस दिन से ऋतु परिवर्तन हो जाता है और हेमंत से शिशिर ऋतु की शुरुआत होती है। उन्होंने बताया कि मकर संक्राति को देवताओं का प्रभातकाल कहा जाता है। इस दिन दिन की शुरुआत गंगा स्नान से करने के बाद जरूरतमंद को गर्म कपड़े और खिचड़ी का दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
हालांकि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच गंगा घाटों पर उमडऩे वाला आस्था का हूजुम देखने को नहीं मिलेगा। सीमित संख्या में शहरवासी गंगा तटों पर पहुंचकर स्नान करेंगे। इसके लिए बिठूर, सरसैया घाट सहित गंगा तटों पर तैयारियों का दौर शुरू हो गया है।