शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ फतवा
शिया वक्फ बोर्ड चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ कई राज्यों से फतवा लिया गया है। शिया और सुन्नी में दरार डालने वाले लोग न शिया हैं और न ही मुसलमान।
कानपुर (जेएनएन)। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ ईराक और मुंबई समेत कई राज्यों से फतवा लिया गया है। महिला शहर काजी हिना जहीर के पति मजहर अब्बास नकवी ने ईराक, मुंबई वाराणसी समेत कई स्थानों के दारुल-इफ्ता (मरजा) से फतवा से मांगा था। पूछा गया था कि एक शख्स शिया और सुन्नी के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहा है। ऐसे लोगों के बारे में शरीयत क्या कहती है। फतवा इराक के ग्रांड आयतुल्ला खामनई, वाराणसी के जव्वादिया अरेबिक कालेज के अलावा मुंबई के मौलाना शमीमुल हसन से ऑनलाइन फतवा मांगा गया था।
फतवे के जवाब में इराक के सैयद अली शीस्तानी ने कहा कि आज इत्तेहाद की जरूरत है। शिया जिस्म है और सुन्नी दिल। दिल निकालने से जिस्म मुर्दा हो जाता है। ऐसे लोग न शिया हैं और न ही मुसलमान हैं। एक शिक्षा संस्थान में बतौर निदेशक कार्य कर रहे मजहर अब्बास नकवी ने कहा कि यह फतवा शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ मांगा गया था। उनके बयान शिया और सुन्नी में दरार डाल रहे हैं। वह कुर्सी और शोहरत के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं। इस मामले में ऑल इंडिया सुन्नी उलमा कौंसिल के साथ मिलकर इस बिंदु पर अन्य स्थानों से मिले फतवे का भी रहस्योद्घाटन किया जाएगा।