दुष्कर्म पीड़िता के मेडिकल को टालने वाली चिकित्सक ने पुलिस अफसर से की बदसलूकी, हरकत वीडियो में हुई कैद तो निभाई डयूटी
फर्रुखाबाद में दुष्कर्म पीड़िता के मेडिकल के लिए महिला चिकित्सक टाल रही थी। काफी विवाद के बीच घटना के चौथे दिन किशोरी का मेडिकल हो सका था। इस मामले में महिला चिकित्सक पर आरोप लग चुके हैं। मामले में अजी भानु भास्कर ने रिपोर्ट मांगी है।
फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता। दुष्कर्म पीड़िता किशोरी का मेडिकल न करने के मामले में पुलिस ने हस्तक्षेप किया तो महिला चिकित्सक ने सीओ सिटी से बदसलूकी कर दी थी। इस दौरान वीडियो बनाने पर युवक का मोबाइल तोड़ दिया गया था। घटना के चौथे दिन किशोरी का मेडिकल किया जा सका था। इस मामले में स्वास्थ्य महानिदेशक के अलावा मुख्यमंत्री से शिकायत की गई थी। इस मामले में अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) ने पुलिस अधीक्षक से पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांगी है।
मऊदरवाजा थाना क्षेत्र की एक दुष्कर्म पीड़िता को महिला पुलिस कर्मी दो दिन चिकित्सीय परीक्षण के लिए डा. राम मनोहर लोहिया महिला चिकित्सालय की दौड़ लगा रही थी। तीसरे दिन महिला सिपाही पीड़िता को लेकर लोहिया अस्पताल पहुंची तो वहां पर मौजूद सीओ सिटी प्रदीप सिंह, मऊदरवाजा थानाध्यक्ष आमोद सिंह भी पीड़िता के साथ महिला चिकित्सालय के लेबर रूम पहुंचे। वहां पर राजेपुर थाना क्षेत्र के गांव पिथनापुर निवासी अंशुल सिंह वीडियो बनाने लगे।
जिस पर डा. आशमा भड़क गई और अंशुल का मोबाइल तोड़ दिया। सीओ सिटी ने जब पूंछा कि तीन दिन से पीड़िता अस्पताल आ रही है तो उसका मेडिकल क्यों नहीं किया जा रहा है। इस चिकित्सक ने सीओ से ‘गो टू आउट साइड’ कह दिया था। मोबाइल तोड़े जाने पर जमकर हंगामा हुआ था। डीएम संजय कुमार सिंह के निर्देश पर सीएमओ डा. अवनींद्र कुमार जांच करने मौके पर पहुंचे। सीएमओ के निर्देश पर अगले दिन (घटना के चौथे दिन) दुष्कर्म पीड़िता का मेडिकल किया जा सका था। मोबाइल तोड़े जाने पर अंशुल ने डा. आशमा बेगम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
इसके बाद महिला चिकित्सक ने अंशुल और तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा, मारपीट, धमकी आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। वहीं मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अवनींद्र कुमार ने अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. रंजन गौतम को मामले की जांच सौंपी है। अब इस मामले में एडीजी भानु भाष्कर ने पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा से रिपोर्ट मांगी है। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. रंजन गौतम ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
मामले ने पकड़ा राजनीतिक रंग
दुष्कर्म पीड़िता के साथ घटना को अंजाम देने वाला आरोपित मुस्लिम है। लोगों का आरोप है कि मुस्लिम आरोपित को बचाने के लिए डा. आसमा बेगम किशोरी का चिकित्सीय परीक्षण नहीं कर रही थीं और बराबर उसे जिंदगी बर्बाद होने की धमकी दे रही थीं। इसी कारण कई हिंदू संगठन भी डा. आसमा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और उच्चाधिकारियों को ट्वीट और अन्य माध्यमों से जानकारी दे रहे हैं। मंगलवार को हिंदू संगठनों ने डा. आसमा के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह को ज्ञापन दिया था। जिलाधिकारी ने मामले की जांच कराने के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था।