बिधनू में फंदे से लटके मिले किसान का मामला: स्वजन ने पोस्टमार्टम पर उठाए सवाल, अंतिम संस्कार से इंकार कर किया हंगामा
बुधवार सुबह स्वजन ने दरवाजे शव रखकर अंतिम संस्कार से इंकार कर फिर से हंगामा शुरू कर दिया। स्वजन ने फिर से पोस्टमार्टम कराने के साथ 50 लाख रुपये एक नौकरी और पांच बीघा खेत के मुआवजा की मांग की है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। कानपुर आउटर बिधनू थाना क्षेत्र दलेलपुर गांव में सोमवार को पेड़ से फंदे पर लटके मिले 35 वर्षीय किसान नरेश कुमार मामले में स्वजन ने पोस्टमार्टम पर सवाल खड़े कर दिए। स्वजन हत्याकर शव लटकाने की बात पर अड़कर पोस्टमार्टम रिपोर्ट को खारिज कर रहे है। बुधवार सुबह स्वजन ने दरवाजे शव रखकर अंतिम संस्कार से इंकार कर फिर से हंगामा शुरू कर दिया। स्वजन ने फिर से पोस्टमार्टम कराने के साथ 50 लाख रुपये, एक नौकरी और पांच बीघा खेत के मुआवजा की मांग की है। मांग पूरी न होने पर दो दिन तक शव का अंतिम संस्कार न करने की धमकी दी है। साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर शव रखकर धरना देने की बात कही है। बवाल की आशंका पर एएसपी, सीओ घाटमपुर समेत आउटर के सभी थानों की फोर्स तैनात है। अधिकारी लगातार स्वजन को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
बता दे कि सोमवार को स्वजन ने ग्रामीणों संग गांव के पूर्व प्रधान पति प्रमोद सिंह और पप्पू सिंह पर अन्य साथियों संग हत्या कर शव लटकाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया था। मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे स्वजन ने फिर से हंगामा शुरू करते हुए वीडियो ग्राफी के साथ डाक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी। जिसपर जिलाधिकारी के आदेश पर शाम को पांच डाक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फांसी लगाकर आत्महत्या करने की पुष्टि हुई थी। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने तुरंत संस्कार के लिए शव ले जाने को कहा, लेकिन स्वजन ने बुधवार सुबह गांव में शव का अंतिम संस्कार करने की जिद्द कर दी। पूरी रात गांव में फोर्स बल तैनात रहा। बुधवार को सुबह स्वजन ने पोस्टमार्टम की रिपोर्ट को खरिज कर हंगामा शुरू जर दिया। जिसपर गांव में एएसपी आदित्य शुक्ला,और घाटमपुर सीओ सुशील कुमार द्विवेदी आउटर के सभी थानों का फोर्स गांव पहुंच गया। पुलिस ने आरोपितों को हिरासत में ले लेने की बात बताकर कार्रवाई का विश्वास दिलाकर अंतिम संस्कार के लिए स्वजन को मनाने में जुटी हुई है, लेकिन स्वजन और ग्रामीण एक भी बात मानने को तैयार नहीं है।