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उरई में बैंक अधिकारियों और सूदखोंरों के कर्ज से परेशान किसान ने की अात्महत्या

सिरसा कलार थाना क्षेत्र के सरेनी गांव में किसान पिता ने लोन पर लिये थे तीन ट्रैक्टर, बैंक व साहूकारों का दस लाख रुपये का था कर्ज।साहूकार और लेनदार घर के चक्कर लगाया करते थे।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 05:01 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 10:18 AM (IST)
उरई में बैंक अधिकारियों और सूदखोंरों के कर्ज से परेशान किसान ने की अात्महत्या
उरई में बैंक अधिकारियों और सूदखोंरों के कर्ज से परेशान किसान ने की अात्महत्या

कानपुर (जेएनएन) : उरई के सिरसा कलार थाना क्षेत्र के सरनी गांव में मंगलवार की रात लगभग दो बजे पत्नी को पास की चारपाई पर पति नहीं दिखे। बदहवास हालत में खोजबीन करते हुए कच्चे घर के कमरे में गई तो नजारा देखकर उसके पांव तले जमीन खिसक गई और चीख-पुकार मचाने लगी। शोर सुन आसपास के लोग पहुंचे और थाना पुलिस को सूचना दी। गांव वालों को घटना की जानकारी हुई तो हर कोई दुखी होकर चर्च करने लगा।

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क्या हुई घटना

जयकिशोर (45) अपनी पत्नी छोटी बहू, पुत्र व दो पुत्रियों के साथ रहता था। पत्नी छोटी ने बताया कि रात लगभग 12 बजे तक वह पति से बातें करती रही। इसके बाद दोनों लोग सो गए। परिजनों के मुताबिक लगभग डेढ़ घंटे बाद छोटी की नींद खुली तो उसे चारपाई खाली और पति नहीं मिले। इसपर वह घर के अंदर गई तो कमरे में जयकिशोर को फांसी पर लटका देखकर बदहवास हो गई और चीख पुकार मचाने लगे। शोर सुन पड़ोसी पहुंचे और पुलिस को सूचना दी।

पिता ने लिया था लाखों का कर्ज, जान देकर चुकानी पड़ी कीमत

पड़ोसियों के मुताबिक जयकिशोर के माता व पिता की मौत हो चुकी है। उसके पिता देव सिंह ने कर्ज लेकर तीन ट्रैक्टर खरीदे थे। किश्त अदा नहीं करने पर बैंक ने ट्रैक्टर खींच लिए गए थे लेकिन कर्ज का बोझ कम नहीं हुआ था। इसका करीब चार लाख रुपये कर्ज बकाया था। इसके अलावा तीन बैंकों का चार लाख रुपये और साहूकारों का दो लाख रुपये कर्ज था। इसको लेकर साहूकार और लेनदार उसके घर के चक्कर लगाया करते थे।

पांच साल पहले जयपुर चला गया था

पिता द्वारा लिए कर्ज को चुकाने के लिए जयकिशोर पांच साल पहले जयपुर चला गया था, जहां पानी-पूरी का धंधा शुरू किया था। उसमें भी उसे घाटा हो गया। एक साल पहले वह गांव लौट आया था, जिसके बाद साहूकारों के दबाव से परेशान था। रात में भी पत्नी के साथ बातचीत के दौरान वह कर्ज को लेकर बातें कर रहा था।

गिरवीं रखी जमीन होने वाली थी नीलाम

ग्रामीण बताते हैं कि कर्ज अदा करने के लिए जयकिशोर छह बीघा जमीन तक गिरवी रख चुका था, लेकिन बोझ से उबर नहीं सका। इसके कारण हमेशा तनाव में रहता था। पत्नी छोटी बहू ने बताया कि तीन दिन पहले एक अमीन ने भूमि की नीलामी के लिए खेतों पर लाल झंडी लगाने की बात कही थी, इसके बाद से वह बहुत परेशान थे।

बच्चे हुए बेहाल

पिता की मौत के बाद बेटे मनीष (11) और बेटियों काजल (6) व प्रियंका (4) का बुरा हाल हो गया। घर में कोई और सदस्य नहीं होने के कारण अब भरण-पोषण की समस्या आ खड़ी हुए है। नियामतपुर पुलिस चौकी इंचार्ज जितेंद्र सिंह यादव ने बताया कि शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।


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